Presidential Election 2022: एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन पर शिवसेना ने तोड़ी चुप्पी, संजय राउत ने दिया ये बयान
Sanjay Raut On Droupadi Murmu: शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का मतलब ये नहीं है कि एनडीए का समर्थन कर रहे हैं. ये राजनीतिक समर्थन नहीं है.
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President Election: राष्ट्रपति चुनाव के लिए शिवसेना (Shiv Sena) ने एनडीए (NDA) उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) का समर्थन किया है. इस मामले पर शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा है कि हम एनडीए में नहीं हैं, लेकिन द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिया है. ये कोई राजनीतिक समर्थन नहीं है. इससे पहले शिवसेना ने प्रतिभा पाटिल (Pratibha Patil) और प्रणब मुखर्जी (Pranav Mukerjee) का भी समर्थन किया था.
द्रौपदी मुर्मू के मातोश्री आने पर संजय राउत ने कहा कि उन्हें नहीं पता है कि वो उद्धव ठाकरे से मिलने के लिए मातोश्री आ रही हैं या नहीं. इसके अलावा उन्होंने महाराष्ट्र में आई भीषण बाढ़ पर बात करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में 12 दिन बीत गए लेकिन सरकार काम नहीं कर रही है. ये सरकार अवैध है. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि 12 दिनों से महाराष्ट्र के राज्यपाल कहां है? महाराष्ट्र में बाढ़ जैसे गंभीर हालात हैं.
शिवसेना ने विपक्ष को दिया झटका
इससे पहले भी संजय राउत ने कहा था कि द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का मतलब बीजेपी का समर्थन करना नहीं है. हम आदिवासी नेता के नाम पर द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर रहे हैं. इसके अलावा जनभावना का खयाल रखते हुए भी यह फैसला लिया गया है. बता दें कि विपक्ष के उम्मीदवार को लेकर जब मीटिंग हुई थी, तब उसमें शिवसेना ने भी हिस्सा लिया था. लेकिन अब उसका रुख विपक्षी एकता को भी एक झटके जैसा है.
शिवसेना ने ऐसे ही समर्थन नहीं दिया
बता दें कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने सांसदों की मीटिंग बुलाई थी. इसमें 19 लोकसभा सांसदों में से 12 ही पहुंचे थे और 7 गायब थे. यही नहीं मीटिंग में शामिल सांसदों ने भी ठाकरे पर दबाव बनाया था कि पार्टी को द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) का समर्थन करना चाहिए. इस पर उद्धव ठाकरे ने विचार करने की बात कही थी. अब संजय राउत (Sanjay Raut) के बयान से साफ है कि पार्टी बचाने के लिए शिवसेना (Shiv Sena) को अपने रुख में तब्दीली लानी पड़ी है. गौरतलब है कि पार्टी के 55 में से 40 विधायक एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के साथ चले गए हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में सांसदों के भी एकनाथ शिंदे के समर्थन में होने की बात कही जा रही है.
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