नई दिल्ली: शिवसेना ने कल अपने विधायकों की बैठक बुलाई है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे इस बैठक को संबोधित करेंगे. माना जा रहा है कि शिवसेना और बीजेपी की सरकार बनाने के प्रयासों के मद्देनजर की बैठक बेहद महत्वपूर्ण है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के द्वारा बुलाई गई शिवसेना विधायकों की बैठक में महाराष्ट्र में राजनीतिक गतिविधियां तेज कर दी है इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने 24 अक्टूबर के नतीजों के बाद बुधवार को पहली बार कैबिनेट की बैठक बुलाई थी. जिसमें शिवसेना के मंत्री शामिल हुए थे. यह बैठक बारिश की वजह से महाराष्ट्र में किसानों को हुए नुकसान से राहत का पैकेज की घोषणा करने के लिए बुलाई गई थी. लेकिन बैठक के बाद शिवसेना के मंत्रियों ने 10000 करोड़ों रुपए के पैकेज को नाकाफी बताया और ज्यादा मुआवजा देने की मांग की. माना जा रहा है कि कैबिनेट की बैठक के दौरान ही दोबारा बातचीत के प्रयास शुरू हुए.


पहले, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार की रात तकरीबन डेढ़ घंटे तक संघ प्रमुख मोहन भागवत से नागपुर में मुलाकात की थी. यह माना जा रहा था कि संघ प्रमुख बीजेपी और शिवसेना के बीच बने गतिरोध को दूर करने के लिए मध्यस्थता कर सकते हैं. इसके बाद आरएसएस से जुड़े सूत्रों ने इस बात का दावा किया था कि जल्दी बीजेपी और शिवसेना के सरकार बनाने के प्रयासों से जुड़ी खुशखबरी निकल कर सामने आएगी. आरएसएस के सूत्रों ने बताया कि बीजेपी और शिवसेना के बीच दोबारा बातचीत फिर से शुरू हो गई है.


दोपहर होते होते यह खबर सामने आई कि गुरुवार को सुबह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने विधायकों की बैठक बुलाई है. यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 9 नवंबर से पहले राज्य में नई सरकार का गठन होना है और उससे पहले शिवसेना को और बीजेपी को अगर सरकार बनानी है तो, अपने-अपने कायम रुख से दो कदम पीछे हटना होगा. माना जा रहा है कि शिवसेना अपने विधायकों से बात करके राज्य में नई सरकार के गठन पर फैसला ले सकती है.


शिवसेना के लिए दूसरे विकल्प भी खत्म होते दिख रहे हैं. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने साफ कर दिया है कि वह विपक्ष में बैठेंगे सरकार सबसे बड़े गठबंधन शिवसेना और बीजेपी को बनानी चाहिए. इससे पहले दिल्ली में नितिन गडकरी के साथ कांग्रेस नेता अहमद पटेल की बैठक हुई हालांकि बैठक में अहमद पटेल ने सड़क से जुड़े और किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की लेकिन कयास यह लगाए गए कि अहमद पटेल बीजेपी को यह फैसला बताने गए थे, कि कांग्रेस किसी भी सूरत में शिवसेना एनसीपी के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाने के किसी भी प्रयास से जुड़ी नहीं है.


बीजेपी पहले भी कहती रही है 50-50 का जो फार्मूला तय हुआ था उससे मुख्यमंत्री का पद बाहर है और मुख्यमंत्री बीजेपी का ही होगा, लेकिन शिवसेना लगातार इस रुख पर अड़ी हुई थी कि मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा. अब शिव सेना को साफ करना होगा कि वह अपने रुख पर कायम रहती है या बीजेपी के साथ सरकार बनाने के लिए आगे आती है इसके मद्देनजर मातोश्री में होने वाली शिवसेना विधायक दल की बैठक बेहद महत्वपूर्ण हो गई है.