नई दिल्ली: केंद्र और महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार की अहम सहयोगी शिवसेना मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास पर क्या स्टैंड लेगी? यह बड़ा सवाल बना हुआ है. शिवसेना कश्मीर, किसान नीति, महंगाई पर लगातार सरकार को कठघरे में खड़ी करती रही है. इस बीच खबर है कि शिवसेना कल होने वाली अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से दूर रहेगी. हालांकि अंतिम फैसला शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे लेंगे. इस संबंध में चर्चा के लिए संजय राउत आज मुंबई जाएंगे.


शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा, "लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज को पहले सुना जाना चाहिए, भले ही उसमें सिर्फ एक ही शख्स हो. यहां तक कि जरूरत पड़ने पर हम (शिवसेना) भी बोलेंगे. वोटिंग के दौरान हम वही करेंगे, जो उद्धव ठाकरे कहेंगे."


18 सीटों वाली शिवसेना राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की अहम सहयोगी है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की लगातार आलोचना करती रही है. इस बीच सरकार ने दावा किया है कि बहुमत उसके साथ है. संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा, ''मोदी सरकार के पास संसद के भीतर और बाहर, दोनों जगह बहुमत है. एनडीए अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट करेगा. एनडीए प्लस भी हमें समर्थन देगा."


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आपको बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसदों ने मुंबई जाकर शिवसेना के वरिष्ठ नेता से मुलाकात की थी और अविश्वास प्रस्ताव पर समर्थन मांगा था.


टीडीपी ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिये जाने के बाद अविश्वास प्रस्ताव लाया है. जिसे कल लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने स्वीकार कर लिया. कांग्रेस, एनसीपी समेत कई दलों ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने का ऐलान किया है. यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी का दावा है कि उनके पास बहुमत है.



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