113 एनकाउंटर करने वाले प्रदीप शर्मा हो सकते हैं शिवसेना के उम्मीदवार, सरकार ने पुलिस से इस्तीफा किया मंजूर
चाहे दाऊद इब्राहिम का गिरोह हो या अरूण गवली या फिर लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी, प्रदीप शर्मा की रिवॉल्वर ने किसी को नहीं बख्शा. कुल 113 कथित अपराधी प्रदीप शर्मा की गोलियों का निशाना बने. अब मुंबई पुलिस में एनकाउंट की नीति बंद कर दी है, लेकिन शहर को गैंगसस्टरों के आतंक से मुक्त कराने का श्रेय शर्मा जैसे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अफसरों को दिया जाता है.
मुंबई: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में इस बार मुंबई पुलिस के एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अधिकारी प्रदीप शर्मा भी उतरेंगे. शर्मा अपने पुलिसिया करियर में 100 से ज्यादा गैंगस्टरों को एनकाउंटरों में मार चुके हैं. उनपर बॉलीवुड में कई फिल्में भी बन चुकीं हैं. बताया जाता है कि वे शिव सेना के टिकट पर मुंबई से सटे नालासोपारा की सीट से चुनाव लडेंगे. मंगलवार की दोपहर जब प्रदीप शर्मा अपने परिवार के साथ मुंबई के मशहूर सिद्धिविनायक मंदिर में दर्शन करने पहुंचे तो यही माना गया कि अपनी जिंदगी की नई पारी की शुरुआत करने से पहले वे ईश्वर का आशीर्वाद लेने पहुंचे.
प्रदीप शर्मा फिलहाल ठाणे पुलिस की एंटी एक्टोर्शन सेल में तैनात हैं. हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने उनकी वक्त से पहले रिटायरमेंट की अर्जी मंजूर कर ली और इसी हफ्ते शर्मा को अपने पदभार से मुक्ति मिल सकती है. चार्ज छोड़ने के बाद शर्मा खुलकर अपनी चुनावी मुहिम शुरू करेंगे. सूत्रो के मुताबिक शिव सेना शर्मा को मुंबई से सटे नालासोपारा सीट से उतारने की सोच रही है.
90 के दशक में जब मुंबई में अंडरवर्लड की गतिविधियां अपने चरम पर थीं, उस दौरान प्रदीप शर्मा और उनके तरह कई और पुलिस अधिकारी चर्चा में आये. महराष्ट्र सरकार ने गैंगस्टरों को एनकाउंट में खत्म करने की नीति बनाई. इस नीति को अमली जामा पहनाया प्रदीप शर्मा जैसे अफसरों ने. 100 से ज्यादा गैंगस्टरों को ढेर करने पर प्रदीप शर्मा मशहूर तो हुए लेकिन विवादों में भी पड़ गए. चाहे दाऊद इब्राहिम का गिरोह हो या अरूण गवली या फिर लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी, प्रदीप शर्मा की रिवॉल्वर ने किसी को नहीं बख्शा. कुल 113 कथित अपराधी प्रदीप शर्मा की गोलियों का निशाना बने.
90 के दशक में लगभग हर दूसरे दिन प्रदीप शर्मा का नाम अखबारों में छपता था. “अब तक 56” और “मैक्सिमम” जैसी बॉलीवुड की फिल्में प्रदीप शर्मा की जिंदगी पर बनाईं गईं. पुलिसिया करियर के दौरान कई बार प्रदीप शर्मा विवादों में भी फंसे. लखनभैया नाम के एक शख्स को फर्जी एनकाउंटर एनकाउंटर में मारने के आरोप में शर्मा की गिरफ्तारी हुई, लेकिन बाद में अदालत ने बरी हो गए. साल 2008 में अंडरवर्लड से रिश्तों के आरोप में प्रदीप शर्मा को पुलिस फोर्स से बर्खास्त कर दिया गया. इसके बाद प्रदीप शर्मा ने कानूनी लडाई लड़ी और महाराष्ट्र एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया. शर्मा के मुताबिक वे पुलिस महकमें के आला अफसरों के बीच चल रही सियासत का शिकार बने थे. अब मुंबई पुलिस में एनकाउंट की नीति बंद कर दी है, लेकिन शहर को गैंगसस्टरों के आतंक से मुक्त कराने का श्रेय शर्मा जैसे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अफसरों को दिया जाता है.
शिव सेना ने हालांकि अब तक औपचारिक तौर पर प्रदीप शर्मा की उम्मीदवारी का ऐलान नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि नालासोपारा सीट से शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाकर एक तीर से कई निशाने साध रही है. नालासोपारा सीट पर बहुजन विकास आघाड़ी के बाहुबली नेता हितेंद्र ठाकुर का दबदबा है. इसके अलावा इस इलाके में बड़े पैमाने पर हिंदी भाषी वोटर भी हैं. ऐसे में एक हिंदी भाषी और आपराधियों के खिलाफ लड़ने वाले अधिकारी की छवि रखने वाले प्रदीप शर्मा की उम्मीदवारी से शिवसेना को अपनी जीत निश्चित लग रही है. बीजेपी और शिवसेना के बीच सीटों का बंटवारा होना अभी बाकी है. अगले 10 दिनों में ये तय हो जायेगा कि कौन कितनी सीटों पर लडेगा. उसके बाद ही शिवसेना औपचारिक तौर पर प्रदीप शर्मा की उम्मीदवारी का ऐलान करेगी.
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