मुंबई: शिवसेना कोटे से राज्य मंत्री बने अब्दुल सत्तार ने इस्तीफा दे दिया है. अभी 30 दिसंबर को ही महाराष्ट्र कैबिनेट का विस्तार हुआ था. इस्तीफे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है. सूत्रों के मुताबिक मंत्री बनाए जाने को लेकर हो रही राजनीति से नाराज थे. फिलहाल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सत्ता को मनाने के लिए वरिष्ठ शिवसेना नेता को भेजा है.
कांग्रेस पार्टी के साथ पूर्व मंत्री रह चुके अब्दुल सत्तार ने साल 2019 में कांग्रेस का दामन छोड़ शिवसेना में शामिल हुए और औरंगाबाद जिले के सिलोद विधानसभा सीट से जीत हासिल की. एक महीने तर महाराष्ट्र सरकार के गठन को लेकर जो उठापटक चल रही थी उसमें शिवसेना की तरफ से अब्दुल सत्तार काफी सक्रिय थे.
होटलों में रहने के दौरान उस वक्त जहां शिवसेना के विधायक मीडिया के कैमरे से कतराते थे वही अब्दुल सत्तार खुलकर बात करते थे. जिसकी वजह से उन्हें नई पहचान मिली और वो नेशनल चेहरे बन गये. अभी उन्हें भी उद्धव ठाकरे ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है.
सामना संपादकीय विवाद से चर्चा में आए
मंत्री बनाए जाने के बाद अब्दुल सत्ता को लेकर शिवसेना का 1994 का एक संपादकीय वायरल हो गया. 1994 के इस संपादकीय में सामना ने अब्दुल सत्तार दाऊद का करीबी बताया था. इसी लिए अब्दुल को मंत्री बनाए जान विरोध हो रहा है.