Maharashtra Politics: शिवसेना (Shiv Sena) सांसद अरविंद सावंत (Arvind Sawant) ने रविवार को हैरानी जताते हुए सवाल किया कि महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Legislative Assembly) के नये अध्यक्ष (स्पीकर) के चुनाव के लिए क्या उपयुक्त संवैधानिक प्रक्रिया (Constitutional Process) का पालन किया गया? साथ ही, उन्होंने कहा कि शिवसेना का बागी गुट मूल पार्टी की जगह लेने की जिस तरह से कोशिश कर रहा है उस पर भी सवाल खड़े होते हैं.


भारतीय जनता पार्टी के राहुल नार्वेकर को विधानसभा के विशेष सत्र के प्रथम दिन रविवार को सदन का अध्यक्ष चुना गया. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के (शिवसेना के) विधायकों ने भी उनके समर्थन में मतदान किया. नार्वेकर को 164 मत मिले. उन्होंने उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना प्रत्याशी राजन साल्वी को हराया, जिन्हें 107 वोट मिले.


 क्या संविधान सम्मत है स्पीकर का चुनाव?- शिवसेना सांसद
शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता सावंत ने सवाल किया कि शिवसेना के 39 बागी विधायकों और मूल पार्टी के साथ बने रहे 16 विधायकों के बीच विवाद का हल सिर्फ उच्चतम न्यायालय में होगा. एकनाथ शिंदे (भाजपा के साथ गठजोड़ कर) जिस तरह से सत्ता में आये और जिस तरह से स्पीकर का चुनाव कराया गया, उसकी वैधता पर कई सवाल खड़े होते हैं. क्या पूरी प्रक्रिया संविधान के अनुरूप की गई ? 


उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना ने यहां तक कि एक व्हिप भी जारी किया था (जिसमें पार्टी के सभी विधायकों से साल्वी के समर्थन में मतदान करने को कहा गया था) लेकिन बागी विधायक नहीं माने. उन्होंने कहा कि हमने उनके खिलाफ स्पीकर को शिकायत की है. 


शिवसेना के बागी गुट ने भी जारी किया था व्हिप
शिंदे नीत शिवसेना (Shiv Sena) के विधायकों के रुख पर टिप्पणी करते हुए सावंत ने कहा कि यह पहला मामला हो सकता है जिसमें बागी विधायक अपने गुट को मूल पार्टी बता रहे हैं. स्पीकर के चुनाव के दौरान शिवसेना के दोनों गुटों ने पार्टी विधायकों को अलग-अलग व्हिप जारी कर अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने को कहा था.


BJP National Executive Meeting: 'अगले 30-40 साल तक रहेगा बीजेपी का युग, भारत बनेगा विश्व गुरु', गृहमंत्री अमित शाह का दावा


 Mamata Banerjee News: कोलकाता में सीएम ममता की सुरक्षा में बड़ी चूक, रात भर घर के अंदर छिपा रहा घुसपैठिया