Priyanka Chaturvedi News: शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखकर सदन की गैलरी में विजिटर्स की ओर से गई राजनीतिक नारेबाजी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने पत्र में 21 सितंबर की घटना का जिक्र किया. 


प्रियंका चतुर्वेदी ने शुक्रवार (22 सितंबर) को सभापति को ये पत्र लिखा. इसमें उन्होंने लिखा कि मैं 21 सितंबर, 2023 को विशेष सत्र के दौरान राज्यसभा में सामने आई चौंकाने वाली घटना के संबंध में गंभीर चिंता और गहरी निराशा के साथ आपको लिख रही हूं. दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों के एक समूह को नारेबाजी करते हुए सदन के परिसर में हंगामा करते हुए सुना गया था. 


"कड़े सुरक्षा उपायों के बीच की गई राजनीतिक नारेबाजी"


उन्होंने आगे लिखा कि इस घटना से न केवल हंगामा हुआ बल्कि सम्मानित सदन के भीतर नियमों और विनियमों के कार्यान्वयन पर गंभीर सवाल भी खड़े हो गए. मुझे इस बात पर निराशा व्यक्त करनी चाहिए कि राज्यसभा के कड़े सुरक्षा उपायों और मार्शलों की कड़ी मेहनत के बावजूद, राजनीतिक नारेबाजी की गई. 


नियम का हवाला देते हुए प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा कि राज्यसभा में आगंतुकों के लिए नियम बनाए गए हैं. ये घटना नियम 264 के स्पष्ट उल्लंघन में हुई, जो संसदीय सत्रों के दौरान आगंतुक गैलरी में व्यक्तियों से अपेक्षित आचरण को स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है.  


"सांसद को भी ठहराया जाए जिम्मेदार"


शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने कहा कि नियमों के तहत, एक सदस्य किसी ऐसे व्यक्ति के लिए विजिटर कार्ड के लिए आवेदन कर सकता है जो उसे व्यक्तिगत रूप से जानता हो. सदस्यों को ये ध्यान रखने की सलाह दी जाती है कि उनके अनुरोध पर जारी किए गए कार्ड पर आए विजिटर अगर कुछ करते हैं तो इसके लिए सदस्य जिम्मेदार हैं. 


विपक्षी दलों के सांसदों ने किया था वॉकआउट


उन्होंने बताया कि पचास से ज्यादा विजिटर्स ने नारेबाजी की जो गंभीर चिंता का विषय है. इसके विरोध में विपक्षी दलों के सदस्य वॉकआउट कर गए थे. ये जरूरी है कि इस घटना की गहन जांच की जाए ताकि यह पता लगाया जा सके कि राज्यसभा के भीतर सुरक्षा और मर्यादा का ऐसा उल्लंघन कैसे संभव हुआ. 


"जल्द कड़ी कार्रवाई करें"


इस मामले में सभापति से कार्रवाई की मांग करते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा कि इस व्यवधान के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. जो भी सांसद इस घटना को बढ़ावा देने में शामिल पाया जाए उसपर भी कार्रवाई हो. मैं आपसे आग्रह करती हूं कि इस मामले में जल्द कड़ी कार्रवाई करें. हमें संसद की पवित्रता की रक्षा के लिए सब कुछ करना चाहिए. 


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