(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ABG Bank Fraud मामले पर शिवसेना सांसद Sanjay Raut ने ED को घेरा, कहा- कब जा रहे हैं गुजरात?
ABG Bank Fraud Case: करीब 22, 842 करोड़ रुपये के एबीजी शिपयार्ड घोटाला मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत ने सवाल करते हुए पूछा, किसने दबाने की कोशिश किसने की?
ABG Bank Fraud Case: करीब 22, 842 करोड़ रुपये के एबीजी शिपयार्ड घोटाला मामले में सीबीआई अब तक 8 लोगों पर FIR दर्ज कर चुकी है. 28 बैंकों के समूह को इस कंपनी ने चूना लगाया है. बैंकिंग इतिहास का ये सबसे बड़ा घोटाला बनकर सामने आया है. वहीं, इस मामले के सामने आने के बाद कई राजनीतिक नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया सामने रखी हैं. इसी कड़ी में शिवसेना सांसद संजय राउत ने ED को घेरते हुए सवाल किया है, कब जा रहे हैं गुजरात?
सांसद ने कहा, अगर ED के पास कोई जानकारी है तो देश की सुरक्षा के लिए वो कार्रवाई कर सकते हैं. उन्होंने सवाल करते हुए पूछा, "गुजरात में देश का इतना बड़ा बैंक घोटाला हुआ उसे किसने दबाने की कोशिश की? ED गुजरात कब जा रही है? 2 साल से ममाले की एफआईआर तक नहीं हुई. मुख्य आरोपी कैसे गए भाग ये एक चिंता का विषय है."
2 साल तक नहीं दर्ज हुआ मुकदमा
दरअसल, सीबीआई ने इस मामले में 2 वर्ष तक केस नहीं दर्ज किया वही बैंकों ने इस लोन के लिए अपने किसी भी अधिकारी जिम्मेदार नहीं ठहराया है. जबकि सरकार की एक जांच एजेंसी 2 साल पहले एबीजी ग्रुप को गलत तरीके से 1080 करोड़ रुपए का लोन लेने के मामले में आरोपी बता चुकी थी. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने एबीजी ग्रुप से संबंधित कंपनी की 950 करोड रुपए की सीमेंट कंपनी अटैच भी की थी.
13 जगहों पर छापेमारी की गई थी
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक 22 हजार करोड़ रुपए के इस घोटाले में मुकदमा दर्ज करने के बाद 13 जगहों पर छापेमारी की गई थी इस छापेमारी के दौरान इस समूह की संपत्ति कहां-कहां है यह पता लगाया गया है इस समूह के तमाम बैंकों की जानकारी और उन्होंने पैसा कहां-कहां भेजा है इस बाबत जानकारी ली गई है साथ ही छापेमारी के दौरान अनेक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और आपत्तिजनक दस्तावेज भी जप्त किए गए हैं. सीबीआई के मुताबिक किया छापेमारी शनिवार देर रात समाप्त हो चुकी है सीबीआई का यह भी दावा है कि इस मामले में कोई भी आरोपी अभी देश छोड़कर बाहर नहीं गया है.
बैंकों के अनेक अफसर जांच दायरे में शामिल
फिलहाल सीबीआई की इस मामले में अब जांच शुरू हो गई है और आने वाले दिनों में अनेक बैंकों के अनेक अफसर जांच दायरे में शामिल होंगे और उनमें से अनेक की गिरफ्तारी भी हो सकती है. साथ ही इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय समय अनेक जांच एजेंसियां भी अपने यहां मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर सकती हैं.
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