Sanjay Raut on Remand: सोमावार (1 अगस्त) को ED ने संजय राउत (Sanjay Raut) को पात्रा चॉल मामले में गिरफ्तार कर ED की विशेष कोर्ट (Special Court) में पेश किया और कोर्ट में बताया की जांच में यह भी पता चला कि प्रवीण राउत (Praveen Raut) संजय राउत के करीबी विश्वासपात्र और सहयोगी हैं. श्री संजय राउत के फ्रंटमैन होने के नाते, उन्होंने संजय राउत के साथ अपनी निकटता का उपयोग म्हाडा से अनुमोदन प्राप्त करने और अन्य लाभों के लिए किया जो स्वयं को ज्ञात हैं. यह विभिन्न गवाहों के बयानों से स्पष्ट होता है. संजय राउत की जांच की गई और उनका बयान 01.08.2022 को पीएमएलए (PMALA) की धारा 50 के तहत दर्ज किया गया, जिसमें पात्रा चॉल परियोजना में श्री प्रवीण राउत के शामिल होने की जानकारी नहीं होने का दावा किया गया. उन्होंने कहा कि वह प्रवीण राउत के संपर्क में आए थे 2012-13 के दौरान.
उन्होंने दावा किया कि वे अपनी पत्नियों के माध्यम से करीब आए. पत्नी के बैंक खाते और राउत के बैंक खाते में राशि मिलने के बारे में पूछे जाने पर वह कोई वैध स्पष्टीकरण नहीं दे पाए. वह यहां ऊपर उल्लिखित लेनदेन से संबंधित कोई दस्तावेज प्रस्तुत करने में भी विफल रहे. पात्रा चॉल के पुनर्विकास परियोजना के दौरान संजय राउत ने भी 2010-11 की अवधि के दौरान, किहिम बीच, अलीबाग में स्थित 8 समझौतों के तहत 10 भूमि पार्सल खरीदे. ये समझौते स्वप्ना पाटकर और श्रीमती वर्षा राउत के नाम पर किए गए थे. स्वप्ना पाटकर ने अपने बयान में कहा है कि इन भूखंडों के अधिग्रहण के लिए विक्रेताओं को नकद राशि का भुगतान किया गया था. कुछ विक्रेताओं ने इन लेन-देन में प्राप्त चेक राशि से अधिक इन नकद घटकों की प्राप्ति की पुष्टि की है. किए गए नकद भुगतान का स्रोत प्रवीण राउत है.
ये है पूरा मामला
स्वप्ना पाटकर का दिनांक 22.07.2022 का एक पत्र प्राप्त हुआ जिसमें उन्होंने शिकायत की कि मामले में संजय राउत की भूमिका के बारे में अपना बयान देने के लिए उन्हें धमकी भरे कॉल आ रहे हैं. उसकी शिकायत 27.07.2022 को पुलिस आयुक्त मुंबई को भेजी की गई थी. वर्षा राउत, संजय राउत की पत्नी एक शिक्षिका थीं और माधुरी राउत, प्रवीण राउत की पत्नी अवनि इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना के समय एक गृहिणी थीं. इन कंपनियों को संजय राउत और प्रवीण राउत द्वारा स्थापित किया गया था ताकि पात्रा चॉल परियोजना से उत्पन्न अपराध की आय को बेदाग के रूप में पेश किया जा सके. अब तक की जांच से पता चला है कि ऊपर चर्चा की गई 1 करोड़ से अधिक की पीओसी के अलावा, अलीबाग में भूखंडों के अधिग्रहण के लिए भुगतान किया गया नकद घटक भी प्रवीण राउत से प्राप्त किया गया था. प्रवीण राउत ने संजय राउत और उनके परिवार की घरेलू छुट्टियों के दौरान विदेशी दौरों का खर्च भी वहन किया था.
वर्षा राउत को 56251 रुपए के निवेश पर
13,95,611/- रुपए 'अवनी इंफ्रास्ट्रक्चर' में ही प्राप्त हुए थे. वर्षा राउत द्वारा अर्जित ये लाभ कुछ और नहीं है बल्कि माधुरी राउत की निधि के स्रोत के रूप में प्रवीण राउत से प्राप्त भुगतान है. एक बहुत प्रभावशाली व्यक्ति होने और संजय राउत से अपनी निकटता को देखते हुए प्रवीण राउत को लगभग 112 करोड़ का पीओसी प्राप्त हुआ है और इस बात की पूरी संभावना है कि संजय राउत को उस अवधि के दौरान और अधिक पीओसी प्राप्त हुई हो.
म्हाडा की 47 एकड़ भूखंड पर 672 किराएदार थे
अब तक की गई पीएमएलए जांच से पता चला है कि गोरेगांव के पात्रा चॉल में उक्त 47 एकड़ भूमि म्हाडा की है और उक्त भूखंड पर 672 किरायेदार थे. पुनर्विकास और अतिरिक्त एफएसआई के लिए विभिन्न अनुमतियां अनुमोदन मैसर्स गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्राप्त किए गए थे. इसके कारण प्रोसीड्स ऑफ क्राइम की उत्पत्ति हुई, जैसा कि समझाया गया है. प्रवीण राउत ने संजय राउत के प्रतिनिधि के रूप में अधिकारियों के साथ संपर्क किया समय-समय पर अनुमति मंजूरी आदि प्राप्त करना जो 1039.79 करोड़ रुपये की अपराध की आय उत्पन्न करने का प्राथमिक कारण है.
प्रवीण संजय राउत को 2 लाख रुपये प्रतिमाह देते थे
प्रवीण राउत के खातों में प्राप्त लगभग 112 करोड़ रुपये की पीओसी में से अब तक की गई पीएमएलए जांच ने संजय राउत और उनके परिवार को 1.06 करोड़ रुपये के पीओसी का पता लगाया. पीएमएलए की जांच में आगे पता चला कि श्री संजय राउत ने किहिम, अलीबाग में जमीन की खरीद में काफी मात्रा में नकदी का इस्तेमाल किया है, जिसकी पुष्टि कुछ विक्रेताओं ने की है. यह नकद घटक प्रवीण राउत से प्राप्त किया गया है. प्रवीण राउत ने पीओसी से संजय राउत के परिवार के घरेलू और विदेशी दौरों पर भी पैसा खर्च किया है. संजय राउत को भी प्रति माह 2 लाख रुपये नकद दौरान प्रवीण राउत से मिले. संजय राउत ने विक्रेताओं को अलीबाग के किहिम बीच स्थित अपनी जमीन बेचने की धमकी दी है. इसके अलावा, उन्होंने ईडी के समक्ष गवाही देने वाले गवाहों को भी धमकी दी है.
संजय राउत के आवास से मिले 11.5 लाख रुपये
31.07.2022 को संजय राउत (Sanjay Raut) के दादर (Dadar) और भांडुप (Bhandup) पूर्व में स्थित दो परिसरों में पीएमएलए, 2002 की धारा 17 के तहत तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप दोनों परिसरों से दस्तावेज जब्त (Documents Seiz) किए गए. इसके अलावा भांडुप (Bhandup) स्थित उनके आवास से 11.50 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की गई. संजय राउत (Sanjay Raut) और प्रवीण राउत (Praveen Raut) ने उक्त अवैध लेन-देन के निष्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और अनुसूचित अपराध से संबंधित आपराधिक गतिविधि के परिणामस्वरूप अपराध की आय के गबन में सक्रिय रूप से भाग लिया है. इसके अलावा, संजय राउत अपराध की उक्त आय के वास्तविक लाभार्थी हैं. संजय राउत परियोजना से प्राप्त धन के स्रोत और अन्य संबंधित विवरणों के बारे में प्रासंगिक जानकारी प्रकट नहीं कर रहे हैं और जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. इसलिए, उसके प्रवाह का पता लगाने के लिए उसकी हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है.