मुंबई: बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले पर बुलडोजर चलाए जाने के मामले में अब शिवसेना सांसद संजय राउत भी पक्षकार बनेंगे. शिवसेना सांसद संजय राउत ने कंगना रनौत के बंगले पर बुलडोजर चलने के बाद उखाड़ देंगे, जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए बयान दिया था. बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कंगना रनौत ने संजय राउत के बयान वाली सीडी भी हाईकोर्ट में पेश की थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने संजय राउत को भी मामले में पक्षकार बनाने का आदेश दिया है.


कंगना की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी के वकील से पूछा कि कंगना को बीएमसी एक्ट की धारा 354 के तहत जो नोटिस दिया गया था उसका आधार क्या था. क्योंकि कंगना ने बीएमसी के हलफनामे के खिलाफ हाईकोर्ट में दिए अपने जवाब में जिस धारा के तहत उनको नोटिस दिया गया और जिस धारा के तहत मनीष मल्होत्रा को नोटिस दिया गया उस पर सवाल उठाए थे. कंगना का कहना था कि बीएमसी ने उनको धारा 354 के तहत नोटिस दिया जबकि उन्हीं की इमारत से सटे मनीष मल्होत्रा के शोरूम को धारा 351 के तहत नोटिस दिया गया. कंगना ने इसके जरिए बताने की कोशिश की कि बीएमसी का रवैया उनको लेकर किस तरह पक्षपातपूर्ण था.


कंगना की तरफ से बॉम्बे हाईकोर्ट में संजय राउत के उखाड़ देंगे वाले बयान की सीडी भी दी गयी थी. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर संजय राउत ने ऐसा बयान दिया है, जैसा सीडी में दिख रहा है तो इस मामले में संजय राउत को भी पक्षकार बनाया जाना चाहिए, जिससे कि उनका पक्ष भी सामने आ सके.


संजय राउत के साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने जिस अधिकारी ने कंगना के दफ्तर पर नोटिस चिपकाया और तोड़फोड़ की कार्रवाई का आदेश दिया था उसको भी पक्षकार बनाने का आदेश दिया है. क्योंकि कंगना की दलील थी कि बीएमसी के अधिकारी ने जिस तरह से कार्रवाई की वह पक्षपातपूर्ण थी.


इससे पहले हाईकोर्ट में बीएमसी द्वारा दिए गए हलफनामे पर कंगना ने भी अपना जवाब हाईकोर्ट में दाखिल कर बताया था कि बीएमसी की कार्रवाई किस तरह से पक्षपातपूर्ण है, यह इसी से पता चलता है कि कंगना के ऑफिस के बगल में ही बनें डिज़ाइनर मनीष मल्होत्रा के ऑफिस में अवैध निर्माण की बात कहते हुए जो नोटिस दिया गया उसके तहत उनको जवाब देने के लिए 7 दिन का वक्त दिया गया जबकि कंगना को अपनी स्थिति स्पष्ट करने और जवाब देने तक का वक्त नहीं दिया गया और नोटिस के 24 घंटे बाद ही बुलडोजर चला दिया गया.


इसके साथ ही कंगना ने यह भी कहा की बीएमसी कहती रही कि कंगना के दफ्तर मणिकर्णिका में अवैध निर्माण कार्य चल रहा था, लेकिन ऐसी कोई भी फोटो या तथ्य नहीं पेश कर पाई जिससे पता चलता कि जिस दौरान यह कार्रवाई की गई उस दौरान अंदर किसी तरह का कोई निर्माण चल रहा था. कंगना ने इसके जरिए ये बताने की कोशिश की कि बीएमसी ने सिर्फ कार्रवाई करने के लिए इस तरीके की बात कही थी क्योंकि उस दौरान किसी तरह का कोई निर्माण नहीं चल रहा.


फिलहाल कंगना की तरफ से बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर याचिका पर अब बुधवार सुबह 11:30 बजे एक बार फिर सुनवाई होगी और तब तक इस मामले में कोर्ट के अंतरिम आदेश के मुताबिक यथास्थिति बरकरार रहेगी.