CM देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका के ड्राफ्ट में याचिकाकर्ता के तौर पर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस तीनों का नाम है. तीनों दलों ने राज्यपाल के फैसले को रद्द करने की मांग की है.
मुंबई/नई दिल्ली: महाराष्ट्र में आज सुबह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. तीनों दलों ने फडणवीस को शपथ दिलाने के राज्यपाल के फैसले को असंवैधानिक करार देने की मांग है.
साथ ही कहा है कि शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका दिया जाए. शिवसेना के एक पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी ने सर्वोच्च न्यायालय में राज्यपाल के खिलाफ एक रिट याचिका दायर की है.
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने आज सुबह देवेंद्र फडणवीस के साथ-साथ एनसीपी के बागी नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी. अजित पवार के फैसले पर शरद पवार ने कहा कि बीजेपी के साथ जाने का फैसला उनके भतीजे का व्यक्तिगत निर्णय है न कि पार्टी का. राजभवन में तड़के हुए शपथ ग्रहण समारोह के बारे में लोगों को आभास भी नहीं हुआ और कुछ लोगों ने इसे ‘‘गुप्त’’ घटना बताया. फडणवीस के 2014 में शपथ ग्रहण समारोह में वानखेड़े स्टेडियम में हजारों लोग मौजूद थे#MaharashtraGovtFormation में सीएम @Dev_Fadnavis और @AjitPawarSpeaks को शपथ दिलाने को लेकर @ShivSena , @NCPspeaks और @INCIndiaLive सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी में। वकील सुप्रीम कोर्ट पहुंचे जल्द से जल्द याचिका पर सुनवाई की करेंगे मांग @ABPNews pic.twitter.com/04jZg7tnE8
— Ankit Gupta (@ReporterAnkitG) November 23, 2019
राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाने के तुरंत बाद शपथ ग्रहण समारोह हुआ. महाराष्ट्र में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्र का शासन हटाने के लिए घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए और इस संबंध में एक गजट अधिसूचना तड़के पांच बजकर 47 मिनट पर जारी की गयी.
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यह शपथ ग्रहण ऐसे समय में हुआ है जब एक दिन पहले शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति बनी थी. शिवसेना नेता संजय राउत ने बीजेपी के साथ हाथ मिलाने का फैसला लेकर अजित पवार पर शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया.
फडणवीस की मुख्यमंत्री के तौर पर वापसी के साथ ही राज्य में महीने भर से चल रहा राजनीतिक गतिरोध खत्म हो गया. शरद पवार ने शुक्रवार रात को ही कहा था कि नयी सरकार का नेतृत्व उद्धव ठाकरे करेंगे. तीनों पार्टियों ने नयी सरकार के गठन के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) का मसौदा भी तैयार कर लिया था.
शपथ ग्रहण समारोह के बाद शरद पवार ने ट्वीट किया, ‘‘महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का अजित पवार का फैसला उनका व्यक्तिगत निर्णय है. यह राकांपा का फैसला नहीं है. हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम इस फैसले का समर्थन नहीं करते.’’
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गठबंधन में राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने वाली बीजेपी और शिवसेना ने 288 सदस्यीय सदन में क्रमश: 105 और 56 सीटें जीती थीं लेकिन शिवसेना ने भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री पद साझा करने से इनकार करने के बाद उसके साथ अपने तीन दशक पुराने संबंध खत्म कर लिए. दूसरी ओर, चुनाव पूर्व गठबंधन करने वाली कांग्रेस और एनसीपी ने क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती.
भावुक दिखायी दे रही एनसीपी सांसद और अजीत पवार की चचेरी बहन सुप्रिया सुले ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस में लिखा कि पवार परिवार और पार्टी बंट गयी है.