(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
महाराष्ट्र: कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना नेताओं की राज्यपाल से होने वाली मुलाकात टली
कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना के नेताओं की मुलाकात शाम के चार बजे राज्यपाल से होने वाली थी लेकिन यह बैठक टाल दी गई है. महाराष्ट्र में तीनों पार्टी गठबंधन कर सरकार बनाने की कवायद में जुटी है.
मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी अटकलों के बीच राज्यपाल से होने वाली कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना नेताओं की मुलाकात टल गई है. तीनों दलों के नेता आज शाम चार बजे राज्यपाल से मिलने वाले थे. तीनों दलों का कहना था कि राज्यपाल के साथ बैठक वर्षा प्रभावित किसानों के लिए तत्काल सहायता मांगने के लिए होने वाली है, ना कि सरकार गठन को लेकर.
बता दें कि शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस अलग-अलग विचारधारा होने के बावजूद सरकार गठन की कोशिश में जुटी है. अगली सरकार को लेकर शुक्रवार को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा था कि तीन दलों की सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और विकासोन्मुखी शासन देगी. उन्होंने कहा कि गठबंधन की अगुवाई शिवसेना करेगी.
पवार ने नागपुर में पत्रकारों से कहा कि मध्यावधि चुनाव की कोई आशंका नहीं है. यह सरकार बनेगी और पूरे पांच साल चलेगी. हम सभी यही आश्वस्त करना चाहेंगे कि यह सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी. पवार के सहयोगी और एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने मुंबई में कहा कि मुख्यमंत्री का पद शिवसेना के पास रहेगा.
मलिक ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा. मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर ही उसने महायुति को छोड़ा है. उनकी भावनाओं का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है.’’ महाराष्ट्र में पहली बार ऐसा प्रयोग हो रहा है जब अलग अलग विचारधारा के ये दल सरकार बना रहे हैं जिसका नेतृत्व शिवसेना करेगी.
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तीनों दलों ने साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) का मसौदा तैयार कर लिया है जिससे राज्य में उनके गठबंधन का एजेंडा निर्धारित होगा. इससे पहले पिछले दो दशक में राज्य की सियासत बीजेपी-शिवसेना और कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के इर्दगिर्द घूमती रही है.
मुंबई में गुरूवार को हुई बैठक में कांग्रेस ,एनसीपी और शिवसेना के नेताओं ने सीएमपी का मसौदा तैयार किया जिसे तीनों दलों के आला नेताओं को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. इस बीच बीजेपी ने दावा किया कि वह सरकार बनाएगी. हालांकि उनसे यह खुलासा नहीं किया कि वह 288 सदस्यीय सदन में 145 के जादुई आंकड़े तक कैसे पहुंचेगी.
बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन में रहते हुए 21 अक्टूबर का विधानसभा चुनाव लड़ा था. 288 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं, जो सरकार बनाने के लिये बहुमत के आंकड़े को छू रही थीं. कांग्रेस और एनसीपी ने क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती थीं.
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मंगलवार को केंद्र को एक रिपोर्ट भेजकर मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्य में स्थिर सरकार के गठन को असंभव बताया था, जिसके बाद से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है.
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