Shiv Sena Website Deleted: चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को 'असली शिवसेना' के रूप में मान्यता दे दी है. इसे उद्धव ठाकरे गुट के लिए बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि, ठाकरे ने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. इसी बीच एक और अहम बात सामने आई है. चुनाव आयोग के फैसले के बाद शिवसेना की आधिकारिक वेबसाइट को डिलीट (Shiv Sena Webiste Deleted) कर दिया गया है. साथ ही, शिवसेना के ऑफिशिलय ट्विटर हैंडल के नाम में भी बदलाव किया गया है.
17 फरवरी को चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और चुनाव निशान एकनाथ शिंदे गुट को दे दिया है. इसके बाद से अब शिवसेना के हकदार एकनाथ शिंदे बन गए हैं. ऐसे में उद्धव ठाकरे गुट का फिलहाल आधिकारिक रूप से शिवसेना नाम और चुनाव निशान पर कोई हक नहीं है. इसी को ध्यान में रखते हुए ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से का नाम अब 'शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे' कर दिया गया है. नाम बदलने की वजह से हैंडल का ब्लू टिक भी चला गया है.
वेबसाइट का लिंक अभी भी मौजूद
शिवसेना की आधिकारिक वेबसाइट भी अब काम नहीं कर रही है. हालांकि, इसके बावजूद उद्धव ठाकरे गुट के बायो में Shivsena.in का लिंक मौजूद है. इसे अभी तक नहीं हटाया गया है. लिंक को ओपन करने पर पता चलता है कि वेबसाइट को डिलीट कर दिया गया है. सोशल मीडिया पर हुए इस अपडेट को लेकर उद्धव ठाकरे गुट के किसी नेता आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है.
सुप्रीम कोर्ट पहुंचे उद्धव ठाकरे
शिवसेना नाम और चुनाव निशान को लेकर उद्धव ठाकरे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है. उद्धव ठाकरे के गुट का कहना है कि चुनाव आयोग ने उनके तर्कों को नजरअंदाज करते हुए शिंदे गुट के लिए फैसला सुनाया. इससे पहले, संजय राउत ने कहा था कि शिवसेना के नाम और चुनाव निशान को खरीदने के लिए 2,000 करोड़ रुपये का सौदा किया गया है.
'आंखे खुली रखनी चाहिए'
वहीं, उद्धव ठाकरे ने रविवार (19 फरवरी) को चुनाव आयोग के फैसले का जिक्र कर कहा कि सभी पार्टियों को अपनी आंखे खुली रखने और सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा, "जो शिवसेना के साथ हुआ, जिस तरह से हमारे साथ व्यवहार किया गया, वह आपके साथ भी हो सकता है. सभी पार्टियों को अपनी आंखे खुली रखनी चाहिए और सतर्क रहना चाहिए."