'जब हार के डर से बीजेपी के महारथियों के चेहरे स्याह पड़ गए तब राहुल चुनावी रण में लड़ रहे थे...'
इसके अनुसार, ‘‘जब हार के डर से बीजेपी के बड़े बड़े महारथियों के चेहरे स्याह पड़ गए थे तब राहुल गांधी नतीजे की परवाह किये बगैर चुनावी रण में लड़ रहे थे. यही आत्मविश्वास राहुल को आगे ले जायेगा.’’
मुंबई: बीजेपी गुजरात और हिमाचल प्रदेश में बाजी मार ली है और इसी बीच बीजेपी की सहयोगी शिवसेना कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की भरपूर प्रशंसा करती दिखी है. शिवसेना ने आज राहुल गांधी की भरपूर प्रशंसा की और ‘‘नतीजे की परवाह किये बगैर गुजरात चुनाव संग्राम लड़ने के लिये’’ कांग्रेस के नये अध्यक्ष की सराहना की. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि अमेठी से सांसद 47 वर्षीय राहुल गांधी ने बेहद नाजुक मोड़ पर इस सबसे पुरानी पार्टी का बागडोर संभाला है.
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित एक संपादकीय में लिखा है, ‘‘राहुल गांधी ने बेहद नाजुक मोड़ पर कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी स्वीकार की है. उन्हें शुभकामना देने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए.’’ मराठी दैनिक अखबार लिखता है, ‘‘अब राहुल गांधी को फैसला करने दें कि वह कांग्रेस को सफलता के शिखर पर ले जाना चाहते हैं या रसातल में.’’ पार्टी ने कहा कि राहुल गांधी ने गुजरात में अंतिम चुनावी परिणाम की परवाह किये बगैर चुनाव प्रचार में खुद को झोंका.
इसके अनुसार, ‘‘जब हार के डर से (भाजपा के) बड़े बड़े महारथियों के चेहरे स्याह पड़ गए थे तब राहुल गांधी नतीजे की परवाह किये बगैर चुनावी रण में लड़ रहे थे. यही आत्मविश्वास राहुल को आगे ले जायेगा.’’
बीजेपी एवं नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए शिवसेना ने पूछा, ‘‘जो यह सोचते हैं कि बीते 60 बरस में कुछ नहीं हुआ और भारत ने सिर्फ इन्हीं तीन साल में प्रगति की है, ऐसा जिन्हें लगता है वे इंसान हैं या मूर्खता के प्रतीक?’’ पार्टी ने दावा किया, ‘‘कौन जानता है कि हमारे सामने ऐसा नया इतिहास रख दिया जाये कि भारत ने बीते एक साल में ही आजादी हासिल की और यह भी कि 150 वर्ष का आजादी का आंदोलन एक झूठ है.’’