बिना नाम लिए शिवसेना का गुप्तेश्वर पांडे पर निशाना, प्रियंका चतुर्वेदी बोलीं- किसी की मौत से कैंपेन की शुरुआत दुर्भाग्यपूर्ण
प्रियंका चतुर्वेदी ने बिना गुप्तेश्वर पांडे का नाम लिए कहा कि इस ‘गुप्त’ तरीके से चुनाव लड़ना और किसी की दुर्भाग्यपूर्ण मौत से अपने कैंपेन की शुरुआत करना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है.
नई दिल्ली: बिहार के सेवानिवृत डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे इस बार विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि उन्होंने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक कोई राजनीतिक दल को ज्वाइन नहीं किया है और जब ऐसा होगा तो इसकी जानकारी दी जाएगी. अब गुप्तेश्वर पांडे भले ही कुछ नहीं कह रहे हों लेकिन सियासी गलियारे में फिलहाल ये चर्चा का विषय बना हुआ है.
इस बीच शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का ट्वीट सामने आया है. इसमें उन्होंने बिना लिए गुप्तेश्वर पांडे पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया, “राजनीति करनी है तो जम के करो, चुनाव लड़ना है तो साहस और सत्य पर लड़ो. पर इस ‘गुप्त’ तरीक़े से, किसी की दुर्भाग्यपूर्ण मौत से अपने कैंपेन की शुरुआत करना वो बहुत दुखदाई भी है और दुर्भाग्यपूर्ण भी. भगवान आपको सफलता से पहले सदबुद्धि दे, यही मनोकामना है.”
राजनीति करनी है तो जम्म के करो, चुनाव लड़ना है तो साहस और सत्य पर लड़ो। पर इस ‘गुप्त’ तरीक़े से, किसी की दुर्भाग्यपूर्ण मौत से अपने campaign की शुरुआत करना वो बहुत दुखदाई भी है और दुर्भाग्यपूर्ण भी। भगवान आपको सफलता से पहले सदबुद्धि दे, यही मनोकामना है।
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) September 23, 2020
प्रियंका चतुर्वेदी का इशारा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मौत मामले की तरफ है. जाहिर है कि इस मामले गुप्तेश्वर पांडे ने पुरजोर तरीके से उठाया था और अभिनेता को न्याय दिलाने की बात कही थी. उन्होंने सुशांत को बिहार का बेटा बताया था. ऐसे में उनके वीआरएस को सुशांत मामले से जोड़कर भी देखा जा रहा है.
अपने वीआरस के फैसले पर उन्होंने बुधवार को कहा कि इसका सुशांत सिंह राजपूत के मामले से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा, “मैंने सुशांत के निराश और हताश पिता की मदद की लेकिन मेरी सीबीआई की अनुशंसा पर भी सवाल उठे, जो सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहरा दिया. हमने हंगामा तब किया जब हमारी पुलिस के साथ गलत हुआ. मैंने सुशांत के इंसाफ के लिये लड़ाई लड़ी. लोग कह रहे हैं कि मैने सुशांत के मामले को उठाया, उसे लोग राजनीति से जोड़ रहे हैं जो गलत है.”