नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून पर रविवार को जम्मू में शिवसेना ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर, इस कानून पर कई सवाल उठाए. इस कानून को दृष्टिहीन बताते हुए शिवसेना ने आरोप लगाया कि देश का ध्यान असल मुद्दों से हटाने के लिए यह कानून लाया गया है. शिवसेना ने सुबह जम्मू में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया. देश में इस कानून पर छिड़ी बहस के बीच शिवसेना नेताओं ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा से पास होकर अब यह देश का कानून बन चुका है, जिसपर अब बवाल करना फिज़ूल है.


शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष मनीष साहनी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए इस कानून को एक दिशाहीन और दृष्टिहीन कानून बताया. उन्होंने कहा कि ''नागरिकता संशोधन बिल अब एक कानून है और इसपर कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया जाना चाहिए.'' साथ ही उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ''वो सरकार से इस कानून को लागू करने से पहले इसको लागू करने के संसाधनों के बारे में पूछना चाहते हैं.'' उन्होंने पूछा, ''भारत में अपने नागरिकों के लिए पर्याप्त नौकरियां नहीं हैं, बेरोज़गारी अब भी एक बड़ी समस्या है, लाखों लोग बिना घर के हैं, आर्थिक मंदी छाई है, बैंक बंद होने की कगार पर हैं, महंगाई दर काबू नहीं हो रही ऐसे में बाहर से जो लोग भारत में आकर बसेंगे उनके लिए संसाधन कहां से आएंगे.''


शिवसेना ने देश में पिछले तीन दशकों से विस्थापित कश्मीरी पंडितों का मुद्दा भी उठाया. शिवसेना ने मोदी सरकार से सवाल किया कि ''लाखों पंडित अपने ही देश में विस्थापितों का जीवन गुज़ार रहे हैं और उन्हें पिछले तीन दशकों से बसाया नहीं जा सका. ऐसे में ये कानून लाकर मोदी सरकार सिर्फ देश की जनता का ध्यान असल मुद्दों से भटका रही है.'' शिवसेना ने आरोप लगाया कि ''आम जनता का इस कानून से कोई लेना देना नहीं था.''


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