Shiv Sena News: उद्धव बालासाहेब ठाकरे (UBT) के चीफ उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की मुश्किलें खत्म नहीं हो रही हैं. एक तरफ उनके हाथों से शिवसेना का सबकुछ छिन चुका है तो वहीं अब राजनीतिक रूप से भी वो कमजोर होते नजर आ रहे हैं. क्षेत्रीय राजनेता के रूप में उनकी विचारधारा सावरकर को लेकर स्पष्ट रही है. हालांकि, अब महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे उनके (उद्धव ठाकरे गुट) चुनावी मुद्दों पर भी सेंध लगाने का प्लान बना चुके हैं.


दरअसल, मंगलवार (21 फरवरी) को मुंबई में शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई. बैठक में एकनाथ शिंदे को शिवसेना का मुख्य नेता भी चुना गया. इस बैठक में वैसे तो कई मुद्दों पर चर्चा की गई, लेकिन मुख्य रूप से सावरकर चर्चा में रहे. बैठक में सावरकर को भारत रत्न देने का प्रस्ताव पेश किया गया. बता दें कि सबसे पहले इसकी मांग शिवसेना के लोकसभा दल के नेता सांसद राहुल शेवाले ने की थी.


सावरकर को लेकर महागठबंधन की समस्या?


राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सावरकर को भारत रत्न देने की मांग करके एकनाथ शिंदे ने अपनी चुनावी रणनीति को काफी हद तक साफ कर दिया है. ऐसे में अब समस्या उद्धव ठाकरे गुट और उनके सहयोगियों को होगी. दरअसल, महाराष्ट्र के महागठबंधन में कांग्रेस भी है, जिसकी विचारधारा सावरकर को लेकर उद्धव ठाकरे से काफी अलग है.


क्या कहा था राहुल गांधी ने?


बीते साल जब कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' महाराष्ट्र में थी तो राहुल गांधी ने सावरकर को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि "उन्‍हें दो-तीन साल की जेल हुई थी और उन्होंने दया याचिकाएं लिखना शुरू कर दिया." राहुल गांधी ने ये भी कहा था कि सावरकर अंग्रेजों से पेंशन लिया करते थे, उनके लिए कार्य करते थे और कांग्रेस के खिलाफ भी काम करते थे.


'केंद्र ने सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया'


राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर महाराष्ट्र में खूब बवाल हुआ. बीजेपी का इस पर विरोध लाजमी था, लेकिन कांग्रेस के सहयोगी उद्धव ठाकरे ने भी इस पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को दो टूक जवाब दिया था. उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वो और उनकी पार्टी सावरकर का बहुत सम्मान करती है. उन्होंने कहा कि वह स्‍वतंत्रता सेनानी पर राहुल गांधी की टिप्‍पणी को स्वीकार नहीं करेंगे. इस दौरान उद्धव ठाकरे ने ये भी पूछा कि केंद्र सरकार ने अब तक सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया? बता दें कि शिवसेना के सांसद संजय राउत ने भी राहुल गांधी के बयान पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि महाराष्ट्र में आकर सावरकर के बारे में ऐसे बयान देना कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा.


उद्धव गुट से छिनेंगे ये चुनावी मुद्दे!


महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अब उद्धव ठाकरे गुट के कई चुनावों मुद्दों को अपना बनाने की कोशिश कर रहे हैं. सावरकर को भारत रत्न देने की मांग के साथ-साथ चर्चगेट रेलवे स्टेशन का नाम भी बदलने की मांग की जा रही है. बैठक में इसको लेकर भी प्रस्ताव लाया गया और मांग की गई कि रेलवे स्टेशन का नाम पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री चिंतामनराव देशमुख के नाम पर किया जाए.


नौकरियों में 80 फीसदी कोटा


इसी के साथ, शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राज्य में सभी परियोजनाओं में 80 फीसदी रोजगार स्थानीय युवाओं को देने का भी प्रस्ताव लाया गया. वहीं, बैठक में मराठी भाषा को कुलीन भाषा का दर्जा देने और यूपीएससी व एमपीएससी के लिए मराठी छात्रों को मजबूत समर्थन देने के प्रस्ताव लाए गए. बैठक में लाए गए सभी प्रस्तावों को देखकर तो यही लगता है कि नाम-निशान के बाद अब उद्धव ठाकरे गुट से चुनावी मुद्दे भी छिन जाएंगे.


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