सामना में शिवसेना की कांग्रेस को सलाह, कहा- फुलटाइम अध्यक्ष की जरूरत, सिद्धू-अमरिंदर की खुशामद से कुछ नहीं होगा
पंजाब में कांग्रेस पार्टी के बीच जारी कलह को लेकर सामना ने सवाल उठाए हैं. सामना के जरिए शिवसेना ने कहा है कि सिद्धू और अमरिंदर जैसों की खुशामद करने से कोई लाभ नहीं है.
नई दिल्लीः कांग्रेस में जारी अंतरकलह के बीच शिवसेना ने सामना के जरिए सलाह दी है. शिवसेना ने सामने के जरिए कहा है कि कांग्रेस को नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह की खुशामद से कुछ भी नहीं होगा. शिवसेना ने कहा है कि कांग्रेस को उफान मारकर मैदान में उतरना चाहिए. इस दौरान सामना में अध्यक्ष पद को लेकर भी सुझाव दिया गया है. सामना ने लिखा है कि कांग्रेस को एक फुलटाइम अध्यक्ष की जरूरत है. सामना ने कहा है कि लोगों की भावना है कि कांग्रेस राजनीति में नई चेतना की बहार लाए. इस दौरान सामना ने लिखा कि दिमाग ही नहीं होगा तो शरीर का क्या लाभ?
सामना ने लिखा, ''कांग्रेस पार्टी का क्या होगा, ऐसी आशंका कई लोग महसूस कर रहे हैं. महात्मा गांधी की इच्छा के अनुसार कांग्रेस का विसर्जन हो रहा है क्या? ऐसा खुशी का उबाल भारतीय जनता पार्टी में देखने को मिल रहा है. सामना ने लिखा कि पिछले सात आठ साल में कांग्रेस की अवस्था ठीक नहीं है.''
शिवसेना ने दी कांग्रेस को सलाह
शिवसेना ने सलाह देते हुए कहा है, ''नरेंद्र मोदी के तूफान के आगे और बीजेपी के विस्तार के कारण कांग्रेस की हालत 'पतली' हो गई व कांग्रेस के खेमे के बचे-खुचे सिपहसालार छोड़कर जाने लगे हैं. पंजाब सूबा इस वक्त जड़ से हिला हुआ है. कांग्रेस के अध्यक्ष ने अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया. नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और उनका नया मंत्रिमंडल सत्ता में आया. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने इस बदलाव पर पेड़े बांटे.''
नवजोत सिंह सिद्धू को विद्रोही करार देते हुए सामना ने लिखा, ''अमरिंदर के हटने के बाद उन्होंने भांगड़ा किया लेकिन विद्रोही, अविश्वसनीय सिद्धू ने ही अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर अपनी ही पार्टी के समक्ष संकट बढ़ा दिया है. सिद्धू के हमेशा की खिट-पिट के कारण अमरिंदर को दूर कर दिया गया. अब सिद्धू भी गए.''
शिवसेना ने पूछा कांग्रेस से सवाल
कांग्रेस से सवाल पूछते हुए सामना ने लिखा, ''कांग्रेस के हाथ में क्या बचा? अमरिंदर दिल्ली जाकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिले. अमरिंदर भाजपा में जाएंगे, ऐसा कहा जा रहा था, लेकिन ऐसी आशंकाओं पर खुद अमरिंदर ने पूर्ण विराम लगा दिया है. परंतु मैं कांग्रेस में भी नहीं रहूंगा, ऐसा भी उन्होंने कहा है. ऐसे में वे अपनी खुद की नई पार्टी स्थापित करके कांग्रेस को गड्ढे में धकेलेंगे, ऐसा दिखाई दे रहा है.''
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