मुंबई: शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में छपे लेख में 'आंदोलनजीवी' शब्द के इस्तेमाल लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा गया है. इस लेख में शिवसेना के सीनियर नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया कि 'आंदोलनजीवी' कहना स्वतंत्रता आंदोलन का भी अपमान है. उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में बीजेपी कहीं भी नहीं थी.


बता दें कि इससे पहले उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था कि 'गर्व से कहो हम सब आंदोलनजीवी हैं.' अपने ट्वीट में उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के साथ तस्वीर शेयर की थी.  सामना के ताजा लेख में संजय राउत ने कहा कि 'आंदोलनजीवी' शब्द का इस्तेमाल न सिर्फ किसानों का अपमान है बल्कि ये देश की आजादी की लड़ाई के आंदोलन का भी अपमान है.


अपने लेख में संजय राउत ने कहा कि इरजेंसी के खिलाफ जय प्रकाश नारायण ने आंदोलन किया था. इस आंदोलन ने तत्कालीन इंदिरा गांधी की सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंका था. इसके साथ ही उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 'आजाद हिंद सेना' भी आंदोलन ही थी.


साल 2012 के निर्भया गैंगरेप केस का जिक्र करते हुए शिवसेना सांसद ने कहा कि उस समय संसद और सड़क पर आंदोलन करने वालों में बीजेपी के लोग भी शामिल थे. समाज में सुधार लाने के लिए राजा राम मोहन राय का संघर्ष भी आंदोलन था.


पीएम मोदी ने क्या कहा था?


दरअसल, राज्यसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने 'आंदोलनजीवी' शब्द का इस्तेमाल किया था. कृषि सुधारों पर ‘यू-टर्न’ लेने के लिए कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा था कि पिछले कुछ समय से इस देश में ‘आंदोलनजीवियों’ की एक नई जमात पैदा हुई है जो आंदोलन के बिना जी नहीं सकती.


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