उद्धव पर राज की टिप्पणी पर बोले संजय राउत, कहा- 'इतनी देर बाद जाकर खुली इनकी अकल'
शिवसेना के संजय राउत ने राज ठाकरे द्वारा महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे पर की गई टिप्पणी का जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि, राज ठाकरे को निकाय चुनाव के नतीजों के बाद ही यह सब बातें याद आ रहीं हैं.
शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने राज ठाकरे द्वारा महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे पर की गई टिप्पणी का जवाब दिया है. संजय राउत ने कहा है कि, राज ठाकरे को निकाय चुनाव के नतीजों के बाद ही उद्धव ठाकरे के ढ़ाई साल के मुख्यमंत्री पद वाले वादे की याद आ रही है. संजय राउत ने राज ठाकरे पर हमला करते हुए कहा कि, इनकी अकल इतनी देर बाद जाकर खुली है. भाजपा और शिवसेना में क्या हुआ है, वो हम दोनों देख लेंगे. इसमें हमें किसी तीसरे की जरूरत नही है.
महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था है
संजय राउत ने मीडिया से कहा कि, शिवाजी पार्क में मनसे प्रमुख राज ठाकरे के कार्यक्रम को देखकर लोगों को लगा कि यह भाजपा का कार्यक्रम है. मस्जिद से लाउडस्पीकर हटाने की राज ठाकरे की बात पर संजय राउत ने कहा कि, महाराष्ट्र में देश का कानून कायम है. गृह मंत्री सब कुछ कानून के अनुसार करेंगे. पहले ये देखिए कि कौन से बीजेपी शासित राज्यों में अजान बंद हो गई है या मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा दिए गए हैं. यह महाराष्ट्र है और यहां कानून का पालन किया जाता है.
People thought it (MNS chief Raj Thackeray's event at Shivaji Park y'day) was BJP's event...The law of the land prevails in Maharashtra. Home minister everything will do as per the law: Shiv Sena's Sanjay Raut on Raj Thackeray's comment on removing loudspeakers at mosques pic.twitter.com/J0nbIQEROc
— ANI (@ANI) April 3, 2022
क्या कहा था राज ठाकरे ने
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने पार्टी के एक कार्यक्रम में महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा था कि, महाराष्ट्र की जनता ने शिवसेना को एनसीपी और कांग्रेस के साथ जाने के लिए समर्थन नहीं दिया था. उद्धव ठाकरे ने जनता के साथ गद्दारी की है. जनता से गद्दारी करने वाले नेताओं को जनता ही सबक सिखाएगी. राज ठाकरे ने ये भी कहा था कि चुनाव के नतीजों के बाद ही उद्धव ठाकरे और शिवसेना को ढाई साल का सीएम पद का वादा कैसे याद आया. चुनावी मंच पर उन्होंने नरेंद्र मोदी और अमित शाह के सामने ये बातें क्यों नहीं कहीं. सीएम जनता का पद है, इस पर अकेले में चर्चा का क्या मतलब था.
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