मुंबई: मुलाकातों और चर्चाओं के कई दौर के बाद भी महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस और एनसीपी फैसला नहीं कर पाई है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सोमवार को मुलाकात की थी लेकिन कोई फैसला नहीं हो पाया. ऐसे में सरकार को लेकर सस्पेंस बरकरार है और अब इस देरी पर शिवसेना नेता संजय राउत ने बयान दिया है.


संजय राउत ने कहा कि सरकार बनाने में समय लगता है. उन्होंने कहा, ‘’सरकार बनने में समय लगता है. ऐसा नहीं है कि सामान्य प्रक्रिया के दौरान ऐसा नहीं होता है. राष्ट्रपति शासन में आपको कई सारी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.’’






जाहिर है कि 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद किसी पार्टी ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया. ऐसे में राज्य में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. इसके बाद से शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए समर्थन मांगा. इस पर कई दौर की चर्चा भी हुई है लेकिन कांग्रेस अभी तक फैसला नहीं कर पा रही है. उधर महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायकों ने सोनिया गांधी से कहा है कि शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनानी चाहिए.


सरकार बनाने को लेकर क्या शिवसेना करेगी हिंदुत्व वाली विचारधारा से समझौता?


कांग्रेस के विधायक ने सरकार बनाने में हो रही देरी पर हाई कमान को चेताया है. पार्टी के सीनियर नेताओं का कहना है कि सरकार बनाने में हो रही देरी से नुकसान हो सकता है. कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं और वह राज्य में चौथे नंबर की पार्टी है. राज्य में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों के समर्थन की जरूरत है. शिवसेना के पास 56, एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं. तीनों का आंकड़ा 154 होता है तो बहुमत से कहीं ज्यादा है.


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