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शिवसेना ने BJP से पूछा- बहुमत है तो ‘ऑपरेशन लोटस’ की क्या जरूरत, राज्यपाल पर भी बोला हमला
शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र में जो कुछ भी हुआ उसे ‘चाणक्य-चतुराई’ या ‘कोश्यारी साहेब की होशियारी’ कहना भूल होगी. शरद पवार ने दो बार कांग्रेस छोड़ी और बड़ी हिम्मत के साथ अपनी नई पार्टी खड़ी की. 50 सालों तक संसदीय राजनीति में टिके रहना आसान नहीं है.
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मुंबई: महाराष्ट्र में राजनीतिक गहमा गहमी के बीच शिवसेना ने बीजेपी और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर हमला बोला है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा है कि अगर बीजेपी के पास बहुमत है तो चांडाल चौकड़ी वाले ‘ऑपरेशन लोटस’ की क्या जरूरत है? वहीं राज्यपाल को लेकर शिवसेना ने कहा है कि एक भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए फांसी के फंदे को चूम लिया था, तो वहीं दूसरे भगत सिंह ने अंधेरे में लोकतंत्र का वध कर दिया.
सामना में लिखा है, ‘’शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी इन तीनों पार्टियों ने मिलकर राजभवन में 162 विधायकों का पत्र प्रस्तुत किया है. ये सभी विधायक राजभवन में राज्यपाल के समक्ष खड़े रहने को तैयार हैं. इतनी साफ तस्वीर होने के बावजूद राज्यपाल ने किस बहुमत के आधार पर देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई? इन लोगों ने जाली कागज पेश किए और संविधान के रक्षक भगतसिंह नामक राज्यपाल ने आंख बंद करके उन पर विश्वास किया.’’ शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र में जो कुछ भी हुआ उसे ‘चाणक्य-चतुराई’ या ‘कोश्यारी साहेब की होशियारी’ कहना भूल होगी.
विधायकों का अपहरण करना, ये कैसी चाणक्य नीति- शिवसेना
संपादकीय में आगे लिखा है, ‘’एक भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए फांसी के फंदे को चूम लिया था, यह तो हम जानते हैं. वहीं दूसरे भगतसिंह के हस्ताक्षर से रात के अंधेरे में लोकतंत्र और आजादी को वध स्तंभ पर चढ़ा दिया गया.’’ बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा गया है, ‘’विधायकों का अपहरण करना और उन्हें दूसरे राज्य में ले जाकर कैद रखना, ये कैसी चाणक्य नीति है?
शिवसेना ने की शरद पवार की तारीफ
शिवसेना ने कहा, ‘’अजीत पवार का सारा खेल खत्म हो गया तब उन्होंने कहा कि ‘शरद पवार ही हमारे नेता हैं और मैं राष्ट्रवादी का हूं.’ ये हार की मानसिकता है. शरद पवार ने दो बार कांग्रेस छोड़ी और बड़ी हिम्मत के साथ अपनी नई पार्टी खड़ी की. 50 सालों तक संसदीय राजनीति में टिके रहना आसान नहीं है. कई गर्मियां-बरसात और तूफान झेलकर वे खड़े रहे.’’
चांडाल चौकड़ी वाले ‘ऑपरेशन लोटस’ की क्या जरूरत- शिवसेना
शिवसेना ने लिखा, ‘’सरकार कोई भी बनाए. जिसके पास बहुमत है उसे ये अधिकार है लेकिन इसके लिए संविधान, राजभवन और सरकारी नियमों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए, जिससे इन संस्थाओं पर से लोगों का विश्वास उठ जाए. फडणवीस के पास बहुमत था तो बहुमत का आंकड़ा बनाने के लिए नई चांडाल चौकड़ी वाले ‘ऑपरेशन लोटस’ की क्या जरूरत थी? उस चौकड़ी का एक सदस्य तो सीधे कहता है, ‘बाजार में विधायक खुद को बेचने के लिए तैयार हैं.’’
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