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Shiv Sena Row: बालासाहेब की विरासत की लड़ाई! उद्धव बोले- मेरे पिता ने मुझे गुलामी नहीं सिखाई, शिंदे और शाह ने कही ये बात

Shiv Sena के असली हकदार को लेकर जंग अभी भी बरकरार है. शिंदे गुट को चुनाव आयोग ने शिवसेना का चुनाव निशान तो दे दिया, लेकिन उद्धव ठाकरे भी विरासत की लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं.

Shiv Sena Symbol Row: चुनाव आयोग ने शिवसेना के असली हकदार को लेकर अपना फैसला तो सुना दिया, लेकिन बालासाहेब ठाकरे की विरासत को लेकर लड़ाई अभी भी बरकरार है. ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. वहीं उद्धव ठाकरे ने पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है और इसी बैठक में आगे की रणनीति बनाई जाएगी.

चुनाव आयोग ने शुक्रवार (17 फरवरी) को महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को 'शिवसेना नाम' और उसका चुनाव निशान 'तीर-कमान' आवंटित कर दिया था. चुनाव आयोग से मिले झटके बाद उद्धव ठाकरे गुट ने शिवसेना नाम की बेवसाइट और ट्विटर हैंडल से 'शिवसेना' हटा दिया.

ट्विटर प्रोफाइल का नाम अब 'उद्धव बालासाहेब ठाकरे' कर दिया गया है. नाम बदलने की वजह से हैंडल का ब्लू टिक भी चला गया. बता दें कि शिवसेना की आधिकारिक वेबसाइट भी अब काम नहीं कर रही है. 

'अमित शाह ने किया था वादा'

शिवसेना का नाम और चुनाव निशान न मिलने पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीजेपी और एकनाथ शिंदे को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि 2014 में बीजेपी ने शिवसेना के साथ गठबंधन तोड़ा था और बाद में उन्हें शिवसेना की मदद की जरूरत पड़ी. ठाकरे ने कहा, "अमित शाह मेरे घर आए और उन्होंने मुझसे (सीएम पद का) वादा किया था..."

'मेरे पिता ने गुलामी नहीं सिखाई'

उद्धव ठाक ने कहा, "उस समय, अमित शाह ने कहा ठीक है, लेकिन उसके बाद जो कुछ हुआ आप सब देख सकते हैं. आज हमारे ही कुछ लोग कॉलर लगाकर बीजेपी में चले गए हैं, लेकिन मेरे पिता ने मुझे कभी गुलामी नहीं सिखाई. मेरे पिता ने मुझे अन्याय से लड़ना सिखाया." उद्धव ठाकरे ने ये भी कहा कि उन्होंने हमारा 'धनुष और बाण' चुरा लिया, लेकिन अब भगवान राम हमारे साथ हैं.

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्घव ठाकरे गुट अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. उद्धव ठाकरे ने शिवसेना नाम और चुनाव निशान को लेकर याचिका दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट में उद्धव गुट ने कहा है कि चुनाव आयोग ने उनके तर्कों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है.

एकनाथ शिंदे ने क्या कहा?

इससे पहले, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना नाम और चुनाव निशाने के मिलने पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि हम 'शिवसृष्टि' परियोजना के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा, "अमित शाह आज यहां हैं और आप में से बहुत से लोग नहीं जानते होंगे कि वह शिवाजी महाराज के कट्टर भक्त हैं. उन्होंने मराठा शासकों और शिवाजी महाराज के बारे में एक बड़ा अध्ययन किया है. वह एक किताब भी लिख रहे हैं जो जल्द ही प्रकाशित होगी... हमें छत्रपति शिवाजी महाराज के आशीर्वाद से धनुष और बाण का प्रतीक मिला है."

अमित शाह का तीखा हमला

वहीं कोल्हापुर में बीजेपी कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उन्होंने (उद्घव ठाकरे) ने मुख्यमंत्री बनने के लिए (राष्ट्रवादी पार्टी कांग्रेस प्रमुख) शरद पवार के चरणों में आत्मसमर्पण कर दिया था. चुनाव आयोग के फैसले से दूध का दूध और पानी का पानी हो गया. अमित शाह ने ठाकरे का नाम लिये बगैर कहा, "जो लोग झूठ का सहारा लेकर चिल्लाते थे, आज उन्हें पता चल गया है कि सच्चाई किसके पक्ष में है."

बता दें, उद्धव ठाकरे ने 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ दिया था. ठाकरे ने उस वक्त कहा था कि बीजेपी ने मुख्यमंत्री को लेकर अपने वादे से मुकर गई थी.

ये भी पढ़ें- Shiv Sena Symbol: नाम-निशान की लड़ाई को लेकर उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका, दोपहर 12.30 बजे बुलाई इमरजेंसी मीटिंग

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