Election Commission On Shiv Sena Symbol Issue: शिवसेना के दो गुट होने के बाद इसके चुनाव चिह्न को लेकर विवाद पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया है. चुनाव आयोग ने चुनाव आयोग ने शिंदे खेमे को चुनाव चिह्न आवंटित करने के अपने फैसले को सही ठहराया और कहा कि यह एक तर्कसंगत आदेश था और इसमें उद्धव खेमे के उठाए गए सभी मुद्दे शामिल हैं. 


इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शिदे गुट को राहत देते हुए कहा था कि फिलहाल शिंदे गुट के पास ही शिवसेना का नाम और सिंबल रहेगा. वहीं उद्धव ठाकरे के पास (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम और मशाल चुनाव चिह्न होगा. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग और शिंदे गुट से जवाब देने के लिए कहा था. चुनाव आयोग ने जवाब देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता (उद्धव ठाकरे) की तरफ से रखी बातों का खंडन करते हैं. चुनाव आयोग का फैसला प्रशासनिक नहीं, अर्ध-न्यायिक था. फैसला लेने वाली संस्था को पक्ष बना कर जवाब नहीं मांगा जा सकता.


उद्धव की अर्जी पर नोटिस


सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह चुनाव आयोग के फैसले पर रोक नहीं लगा सकता. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से स्पष्ट हो गया कि फिलहाल शिंदे गुट ही असली शिवसेना कहलाएगा. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव की अर्जी पर नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने दो हफ्ते के अंदर शिंदे गुट और चुनाव आयोग से जवाब मांगा था.






चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की बेंच ने नोटिस जारी किया लेकिन शिंदे खेमे को असली शिवसेना मानने वाले निर्वाचन आयोग के फैसले पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि यह दूसरे पक्ष को सुने बिना नहीं किया जा सकता है.


शिंदे खेमे के वकील ने पीठ से कहा कि वह इस बीच ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए कोई विप जारी नहीं करेगा या प्रक्रिया शुरू नहीं करेगा. बेंच ने कहा, ‘ठीक है, नोटिस जारी किया जाता है. जवाबी हलफनामा दो हफ्ते के भीतर दाखिल करें.’


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