Shiv Sena Name Symbol Row: चुनाव आयोग ने शुक्रवार (17 फरवरी) को उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट को बड़ा झटका देते हुए शिवसेना का नाम और सिंबल शिंदे गुट को दे दिया. केंद्रीय चुनाव आयोग (ECI) ने आदेश दिया कि शिवसेना पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न "धनुष और बाण" एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट के पास रहेगा. चुनाव आयोग के इस फैसले का शिंदे गुट ने स्वागत किया तो ठाकरे गुट ने आपत्ति जताई. जानिए मामले से जुड़ी बड़ी बातें.
1. पिछले साल एकनाथ शिंदे की बगावत और उद्धव ठाकरे की सरकार गिरने के बाद से शिवसेना के दोनों गुट (एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे) पार्टी के नाम और सिंबल के लिए लड़ रहे थे. आखिरकार इस लड़ाई में शिंदे गुट को बड़ी जीत मिली. निर्वाचन आयोग (ईसी) ने एकनाथ शिंदे के गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी और उसे धनुष-बाण चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया. उद्धव ठाकरे गुट "शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे" नाम और "मशाल" सिंबल रख सकता है.
2. चुनाव आयोग ने कहा कि वर्ष 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 55 विजयी उम्मीदवारों में से एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले विधायकों के पक्ष में लगभग 76 फीसदी मत पड़े. महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना के विजयी उम्मीदवारों के पक्ष में मिले मतों से 23.5 प्रतिशत मत उद्धव ठाकरे धड़े के विधायकों को मिले थे. चुनाव आयोग का ये फैसला ऐसे समय में आया है जब जल्द ही बीएमसी के चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में इस फैसले से महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मच गई है.
3. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आजाद मैदान जाकर बालासाबेब ठाकरे को श्रद्धाजंलि दी. उन्होंने कहा कि ये बालासाहेब और आनंद दीघे की विचारधाराओं की जीत है. ये हमारे कार्यकर्ताओं, सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों और लाखों शिवसैनिकों की जीत है. ये लोकतंत्र की जीत है. उन्होंने कहा कि ये देश बाबासाहेब अंबेडकर की ओर से तैयार किए गए संविधान पर चलता है. हमने उस संविधान के आधार पर अपनी सरकार बनाई. चुनाव आयोग का आज जो आदेश आया है वह योग्यता के आधार पर है. मैं चुनाव आयोग का आभार व्यक्त करता हूं. उद्धव ठाकरे के चोर वाले बयान पर उन्होंने कहा कि 50 विधायक, 13 सांसद, लाखों कार्यकर्ता चोर हैं क्या? पहले आप (उद्धव ठाकरे) आत्मचिंतन करो कि ये नौबत क्यों आई है? क्योंकि आपने 2019 में बालासाहेब ठाकरे के विचारों को बेच दिया और धनुष बाण को गिरवी रखा था, इसे हमने छुड़ाया है.
4. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले से पहले चुनाव आयोग का फैसला देना गलत है. मैंने कहा था कि ईसीआई को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले फैसला नहीं देना चाहिए. यदि पार्टी का वजूद विधायकों और सांसदों की संख्या के आधार पर तय होता है, तो कोई भी पूंजीपति विधायक, सांसद को खरीद सकता है और मुख्यमंत्री बन सकता है. उन्होंने कहा कि चोरों को धनुष-बाण की चोरी का आनंद लेने दीजिए. उन्होंने नाम और निशान की चोरी की है. चोर तो चोर ही होता है.
5. उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि कई लोगों को लग रहा है कि शिवसेना अब खत्म हो गई, लेकिन ऐसा नहीं होगा. मेरा आज भी कहना है कि आज चुनाव कराकर दिखाएं. आज के फैसले के बाद लग रहा है कि जल्द बीएमसी के चुनाव होंगे. चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे. हमें यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट इस आदेश को रद्द कर देगा और 16 विधायक सुप्रीम कोर्ट की ओर से अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे. उन्हें पहले बालासाहेब को समझना चाहिए. उन्हें पता चल गया है कि महाराष्ट्र में 'मोदी' नाम काम नहीं करता है इसलिए उन्हें अपने फायदे के लिए बालासाहेब का मुखौटा अपने चेहरे पर लगाना होगा.
6. चुनाव आयोग के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई और मनसे चीफ राज ठाकरे ने बालासाहेब ठाकरे का एक ऑडियो ट्विटर पर शेयर किया. इसमें वह कह रहे हैं कि पैसा गया तो फिर कमा लिया जाएगा, लेकिन नाम गया तो वो फिर कभी वापस नहीं आएगा. इसलिए नाम बड़ा करो, वही सब कुछ है. राज ठाकरे ने साथ ही लिखा कि बालासाहेब की ओर से दिया गया शिवसेना का विचार कितना सही था, आज हम एक बार फिर जान रहे हैं.
7. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सभी शिवसैनिकों और सीएम एकनाथ शिंदे को बहुत-बहुत बधाई. बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा पर चलने वाली शिवसेना- सीएम शिंदे की शिवसेना ही असली शिवसेना बन गई है. हम पहले दिन से ही आश्वस्त थे क्योंकि यदि आप विभिन्न दलों पर चुनाव आयोग के पहले के आदेशों को देखें, तो वे एक जैसे फैसले थे.
8. एनसीपी नेता अजीत पवार ने कहा कि शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने मराठी लोगों के लिए एक संगठन की स्थापना की थी. पार्टी का विस्तार पूरे महाराष्ट्र में किया गया, हर जगह सभाएं कर पार्टी का विस्तार किया गया. बालासाहेब की भूमिका स्पष्ट थी. उस वक्त बालासाहेब ने कहा था कि मुंबई मराठी लोगों की है. जब वह बंद कहते थे तो मुंबई बंद हो जाती थी. बालासाहेब ने कहा था कि पार्टी उद्धव ठाकरे संभालेंगे, आदित्य ठाकरे काम करेंगे, लेकिन अब पार्टी से गद्दारी करने वालों को पार्टी का नाम और सिंबल दे दिया गया. आज जो फैसला लिया गया है, यह कैसा न्याय है? ऐसी राजनीति महाराष्ट्र में कभी नहीं देखी गई.
9. उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने कहा कि हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है. जनता हमारे साथ है. हम एक नए सिंबल के साथ जाएंगे और इस शिवसेना को एक बार फिर जनता की अदालत में उठाएंगे. वहीं उद्धव ठाकरे गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि आदेश वही है जिसका हमें अंदेशा था. हम कहते रहे हैं कि हमें चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है. जब मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, तो चुनाव आयोग की ओर से यह जल्दबाजी दिखाती है कि ये बीजेपी एजेंट के रूप में काम करता है. हम इसकी निंदा करते हैं.
10. गौरतलब है कि पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार गिर गई थी. फिर एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई और मुख्यमंत्री बने थे. तभी से दोनों गुट शिवसेना के नाम और सिंबल पर अपना-अपना दावा कर रहे थे. ये मामला फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. जहां ठाकरे गुट ने खुद के असली शिवसेना होने का दावा किया. हालांकि, शिंदे गुट ने कहा कि उन्हें शिवसेना के ज्यादातर विधायकों का समर्थन प्राप्त है और वे ही असली शिवसेना हैं. इसी बीच अब चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना करार दिया है.
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