Sanjay Raut News: शिवसेना के नाम और चुनाव निशान को लेकर चुनाव आयोग ने जो फैसला दिया है उसके खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. इस पर संजय राउत ने कहा है कि हमने चुनाव आयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और मैं अपने बयान पर कायम हूं कि 2000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ था, जिससे शिंदे गुट को पार्टी का नाम और सिंबल मिला था. 


संजय राउत ने एकनाथ शिंदे का नाम लिए बिना कहा कि उचित समय पर हम (सौदे को लेकर) इस संबंध में सबूत लेकर आएंगे. संजय राउत ने आगे कहा, "मैंने सुना है कि इस बयान पर शिकायत दर्ज की गई है... ऐसी एक लाख शिकायतें भी दर्ज हों तो भी संजय राउत नहीं डरेंगे." बता दें कि बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी है और कहा है कि संजय राउत के आरोपों की जांच होनी चाहिए. संजय राउत के खिलाफ नासिक में केस दर्ज किया गया है. 


इस बयान पर हुआ बवाल


इससे पहले, रविवार को संजय राउत ने कहा था कि शिवसेना पार्टी के नाम एवं निशान तीर-धनुष को खरीदने के लिए 2000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ है. राउत ने एक ट्वीट में दावा किया कि 2000 करोड़ रुपये का शुरुआती आंकड़ा है और यह बात शत-प्रतिशत सच्ची है. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के करीबी एक बिल्डर ने उन्हें यह बात बताई है.


सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला


उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना मानने और उसे चुनाव निशान धनुष एवं बाण आवंटित करने के चुनाव आयोग के फैसले को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट की याचिका को जल्द सूचीबद्ध करने के लिए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया.


'मेरे पिता ने गुलामी नहीं सिखाई'


गौरतलब है कि चुनाव आयोग से झटका मिलने के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनके पिता (बालासाहेब ठाकरे) ने उन्हें गुलामी करना नहीं सिखाया है. ठाकरे ने कहा, "मेरे पिता ने मुझे अन्याय से लड़ना सिखाया है." उद्धव ठाकरे ने ये भी कहा कि "उन्होंने हमारा 'धनुष और बाण' चुरा लिया, लेकिन अब भगवान राम हमारे साथ हैं."


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