(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra Politics: शिवसेना को लेकर दोनों गुटों में वार-पलटवार... ठाकरे खेमा पहुंचा SC, सीएम बोले- सभी हलफनामे फर्जी हैं | 10 बड़ी बातें
Shiv Sena Row: चुनाव आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी और उसे 'धनुष-बाण' चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया था.
Shiv Sena Symbol Row: चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना माना है और उसे चुनाव चिह्न धनुष-बाण आवंटित किया. इस फैसले के बाद महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में भूचाल आ गया है. बीएमसी चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग के इस फैसले ने राज्य में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. सोमवार (20 फरवरी) को निर्वाचन आयोग के निर्णय को उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी. जानिए मामले से जुड़ी बड़ी बातें.
1. वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट की याचिका को जल्द सूचीबद्ध करने के लिए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने मामले का उल्लेख किया. चीफ जस्टिस ने हालांकि कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया. पीठ ने कहा कि नियम सभी पर समान रूप से लागू होते हैं. कल (21 फरवरी) उचित प्रक्रिया के माध्यम से आएं.
2. ठाकरे गुट की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि याचिका में उठाए गए बिंदुओं का उन मुद्दों पर सीधा असर पड़ता है जिन पर संविधान पीठ विचार कर रही है. याचिका में कहा गया कि निर्वाचन आयोग ने इस निष्कर्ष पर पहुंचने में गलती की है कि दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्य ठहराने और चिह्न संबंधी कार्यवाही अलग-अलग मामले हैं और विधायकों की अयोग्यता राजनीतिक दल की सदस्यता समाप्त करने पर आधारित नहीं है.
3. याचिका में ठाकरे गुट ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने इस निष्कर्ष पर पहुंचने में गलती की है कि शिवसेना में विभाजन हुआ था. राजनीतिक दल में विभाजन हुआ, इसको लेकर कोई दलील और सबूत नहीं होने के चलते, आयोग का निष्कर्ष पूरी तरह से गलत है. ठाकरे गुट के पास प्रतिनिधि सभा में भारी बहुमत है, जो प्राथमिक सदस्यों और पार्टी के अन्य हितधारकों की इच्छाओं का प्रतिनिधित्व करने वाली शीर्ष संस्था है. निर्वाचन आयोग ने 'पक्षपातपूर्ण और अनुचित तरीके' से काम किया है.
4. उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी की आगे की रणनीति तय करने के लिए सोमवार को करीबी सहयोगियों के साथ शिवसेना भवन में बैठक की. उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरा सब कुछ लुट गया है. हमारी पार्टी का नाम और चिह्न चोरी हो गया है, लेकिन 'ठाकरे' नाम चोरी नहीं हो सकता. चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, कल से सुनवाई शुरू होगी. अगर यह (महाराष्ट्र का मौजूदा परिदृश्य) नहीं रोका गया तो 2024 का लोकसभा चुनाव देश का आखिरी चुनाव साबित हो सकता है क्योंकि इसके बाद यहां अराजकता शुरू हो जाएगी.
5. उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैंने चुनाव आयोग से गुहार लगाई थी कि सुप्रीम कोर्ट में निलंबित विधायकों का मामला है और जब तक फैसला नहीं आ जाता, अपना फैसला मत सुनाइए. चुनाव आयोग का सिर्फ पार्टियों के सिंबल पर नियंत्रण है. ईसी पैनल भंग किया जाए, मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. मुझे शरद पवार, नीतीश कुमार और ममता बनर्जी के फोन आए. उद्धव ठाकरे ने कहा कि व्हिप जारी करने का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि वर्तमान में दो गुट हैं जिन्हें चुनाव आयोग ने मान्यता दी है और उसी के आधार पर उन्हें नाम और चुनाव चिह्न मिला है और हम पहले ही इसे चुनौती दे चुके हैं. मैं शिंदे गुट को चुनौती देता हूं कि वे मेरे पिता का नाम छोड़कर पार्टी बनाकर अपने पिता के नाम का इस्तेमाल कर चुनाव जीतें.
6. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि ईसी ने योग्यता के आधार पर निर्णय लिया है. हमने लाखों हलफनामे दायर किए हैं, और (उद्धव गुट) की ओर से दायर किए गए कई हलफनामे फर्जी हैं. हम बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं. उनकी किसी भी संपत्ति पर हमारा कोई दावा नहीं है. हम प्रदेश को आगे बढ़ाएंगे. लोग जानते हैं कि उन्होंने (उद्धव ठाकरे गुट ने) उनकी संपत्ति हासिल करने के लिए क्या किया.
7. मुंबई से बीजेपी विधायक अतुल भातखलकर ने उद्धव ठाकरे पर मोगैंबो वाले बयान को लेकर निशाना साधा और कहा कि वे महाराष्ट्र की राजनीति से गायब हो गए हैं. उद्धव ठाकरे बीजेपी नेतृत्व को मोगैंबो के रूप में लेबल करने के लिए दौड़ रहे हैं. वह खुद मिस्टर इंडिया बन रहे हैं. आप महाराष्ट्र की राजनीति से लगभग गायब हो चुके हैं. आपको घर पर रहना चाहिए. उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तंज कसा था. उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग के फैसले से मोगैंबो खुश हुआ है. अमित शाह ने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हुए कहा था कि ठाकरे को अब पता चल जाएगा कि सच किस तरफ है.
8. सोमवार को शिवसेना (शिंदे गुट) के चीफ व्हिप भरत गोगावले ने अन्य विधायकों के साथ विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि हमने स्पीकर को नोटिस दिया है. हम ईसीआई के आदेश का पालन कर रहे हैं. आगे कैसे बढ़ना है, इस पर हम विचार करेंगे. चूंकि ईसीआई ने हमें शिवसेना के रूप में मान्यता दी है, इसलिए ये विधानभवन का शिवसेना कार्यालय अब हमारा है.
9. उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि शिवसेना को तोड़ने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए. शिवसेना महाराष्ट्र का स्वाभिमान और सम्मान है. बालासाहेब ठाकरे ने महाराष्ट्र के स्वाभिमान के लिए शिवसेना का गठन किया. अगर आप शिवसेना को तोड़कर खरीद रहे हैं तो इसका क्या मतलब है? शिवसेना खत्म नहीं होगी. अंगारा है, आग है, बुझने वाला नहीं.
10. सोमवार को नासिक में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में संजय राउत के खिलाफ नासिक में शिकायत दर्ज की गई. इसपर एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है. अगर किसी ने इसे डिस्टर्ब करने की कोशिश की तो कार्रवाई की जाएगी. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि व्यक्ति बड़ा है या छोटा. हम सत्ता का गलत इस्तेमाल नहीं करेंगे. यह आम लोगों की सरकार है.
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