Shiv Sena Symbol Row: बालासाहेब ठाकरे की विरासत पर जंग अब भी जारी, शिवसैनिकों को जोड़ने के लिए उद्धव चलाएंगे दो अभियान
Maharashtra News: उद्धव ठाकरे को सोमवार (20 फरवरी) को डबल झटका लगा. सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव गुट की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया और विधानसभा में पार्टी दफ्तर पर शिंदे गुट का अधिकार हो गया.
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Maharashtra Politics: चुनाव आयोग ने शिवसेना के असली हकदार को लेकर अपना फैसला तो सुना दिया, लेकिन बालासाहेब ठाकरे की विरासत को लेकर लड़ाई अब भी बरकरार है. शिवसेना हाथ से फिसलने के बाद उद्धव ठाकरे ने पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई. उद्धव ठाकरे ने अपने गुट के वरिष्ठ नेताओं और जिलाध्यक्षों के साथ सेना भवन में यह बैठक की.
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा की गई. बैठक में उद्धव ठाकरे ने अपने साथ शिवसैनिकों को जोड़ने के लिए दो अभियानों को मिशन मोड पर चलाने का फैसला लिया है. उद्धव ने अपने गुट के नेताओं को संगठन मजबूत करने और पार्टी कार्यकर्ताओं को जोड़े रखने के लिए राज्यव्यापी दौरे का आदेश दिया है. इस बैठक में शिव संपर्क अभियान और शाखा संपर्क अभियान की घोषणा भी की गई है.
ट्विटर पर बदला शिवसेना का नाम
चुनाव आयोग से मिले झटके के बाद उद्धव ठाकरे गुट ने ट्विटर हैंडल से 'शिवसेना' हटा दिया. ट्विटर प्रोफाइल का नाम अब 'उद्धव बालासाहेब ठाकरे' कर दिया गया है. नाम बदलने की वजह से हैंडल का ब्लू टिक भी चला गया. बता दें कि शिवसेना की आधिकारिक वेबसाइट भी अब काम नहीं कर रही है. शिवसेना की वेबसाइट को डिलीट कर दिया गया है.
उद्धव को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका
उद्धव ठाकरे के गुट ने शिवसेना पर चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. शिवसेना गुट की याचिका को जल्द सूचीबद्ध करने के लिए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष उल्लेख किया गया था. हालांकि सीजेआई ने इस याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने उद्धव ठाकरे के वकील से कहा, "जिस अर्जी पर सुनवाई की मांग की जा रही है, वह लिस्ट में मेंशन नहीं है. इसलिए इस पर तत्काल सुनवाई नहीं हो सकती है."
शिवसेना का दफ्तर भी हाथ से गया
वहीं अब विधानसभा में शिवसेना का दफ्तर भी उद्धव के हाथों से चला गया है. इस पर अब शिंदे गुट का अधिकार हो गया है. दरअसल, चुनाव आयोग के फैसले के बाद स्पीकर राहुल नार्वेकर ने शिवसेना के दफ्तर को शिंदे गुट को दे दिया है. शिवसेना (शिंदे गुट) के भरत गोगावाले ने कहा, "हमने स्पीकर को नोटिस दिया है. हम ECI के आदेश का पालन कर रहे हैं. आगे कैसे बढ़ना है, इस पर हम विचार करेंगे. चूंकि ECI ने हमें शिवसेना के रूप में मान्यता दी है, इसलिए यह कार्यालय अब हमारा है."
उद्धव गुट के विधायकों को दी चेतावनी
एकनाथ शिंदे समूह के विधायक और मंत्री दीपक केसरकर ने उद्धव गुट के विधायकों को चेतावनी भी दे दी है. उन्होंने कहा, "ये विधायक शिवसेना के चिन्ह पर चुने गए हैं जिस कारण उन्हें हमारे साथ रहना होगा. उन्हें इसका पालन करना होगा." दीपक ने चेतावनी देते हुए कहा, "अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."
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