Shiv Sena Symbol: नाम-निशान की लड़ाई को लेकर उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका, दोपहर 12.30 बजे बुलाई इमरजेंसी मीटिंग
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दे दी है.
![Shiv Sena Symbol: नाम-निशान की लड़ाई को लेकर उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका, दोपहर 12.30 बजे बुलाई इमरजेंसी मीटिंग shiv sena symbol uddhav thackeray called meeting of egislators and leaders today Shiv Sena Symbol: नाम-निशान की लड़ाई को लेकर उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका, दोपहर 12.30 बजे बुलाई इमरजेंसी मीटिंग](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/02/20/85a72cbb479be81266aa38956617341d1676867651745539_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Shiv Sena Symbol Fight: शिवसेना का नाम और निशान शिंदे गुट को देने के फैसले के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार (20 फरवरी) को उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में इस फैसले का विरोध करते हुए याचिका दायर कर दी. ठाकरे ने दोपहर 12.30 बजे मुंबई के शिवसेना भवन में इमरजेंसी मीटिंग भी बुलाई है. बैठक में ठाकरे गुट के सभी विधायकों और नेताओं के मौजूद रहने की उम्मीद है. आज ही ठाकरे गुट चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी जाने वाला है.
शिवसेना का चुनाव चिन्ह इस वक्त महाराष्ट्र में सबसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है. जब से चुनाव आयोग का फैसला शिंदे गुट के पक्ष में आया है तब से ठाकरे गुट के नेता लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. रविवार (19 फरवरी) को ठाकरे गुट ने एलान किया कि वह सोमवार यानी आज सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाएंगे. माना जा रहा है कि इससे पहले इस बैठक में इसे लेकर योजना बनाई जाएगी.
फैसले में चुनाव आयोग ने क्या कहा था?
चुनाव आयोग ने शिंदे गुट के हक में फैसला सुनाते हुए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी की तरफ से की गई एक गलती को उजागर किया था. आयोग ने कहा कि 2018 में शिवसेना पार्टी के संविधान में बदलाव की सूचना चुनाव आयोग को नहीं दी गई थी. आयोग ने पाया है कि शिवसेना पार्टी की तरफ से 2018 में पार्टी संविधान में किए गए बदलाव लोकतंत्र के अनुकूल नहीं हैं. हालांकि, ठाकरे गुट इस फैसले से पूरी तरह नाखुश है. इसके साथ ही 2000 करोड़ के सौदे का भी आरोप लगाया है.
ठाकरे गुट ने लगाई अर्जेंट सुनवाई की गुहार
बीते दिन ठाकरे गुट की तरफ से ऑनलाइन याचिका दाखिल कर 20 फरवरी को अर्जेंट सुनवाई की गुहार लगाई गई थी. ठाकरे गुट की तरप से सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल दलीलें देंगे. उनका कहना है कि याचिका में निर्वाचन आयोग के आदेश में कानूनी खामियों के आधार पर फैसले को चुनौती दी जाएगी.
ये भी पढ़ें:
'तानाशाह सरकार को हटाने के लिए हम सब भूलने को...', कांग्रेस नेता ने 2024 को लोकर दिया नया सिग्नल
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)