Shiv Sena Election Symbols: बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) की स्थापित शिवसेना (Shiv Sena) को पार्टी की स्थापना के पूरे 23 साल बार 'धनुष और तीर' चुनाव चिन्ह मिले थे. इससे पहले पार्टी ने कई अलग-अलग चिन्हों का इस्तेमाल कर चुनाव लड़ा था. 1968 में 'तलवार और ढाल' तो 1985 में उम्मीदवारों ने 'ज्वलंत मशाल' का इस्तेमाल किया था. अब उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के चिन्ह और नाम को लेकर जारी झगड़े के बीच चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट- 'शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे' को ज्वलंत मशाल' और शिंदे गुट को 'दो तलवारें और एक ढाल' का चिन्ह दिया है. 


उस समय शिवसेना में शामिल वरिष्ठ राजनेता छगन भुजबल ने मुंबई के मझगांव निर्वाचन क्षेत्र से 'ज्वलंत मशाल' चिन्ह पर चुनाव जीता था, जब संगठन के पास एक निश्चित चुनाव चिन्ह नहीं था. हालांकि, बाद में भुजबल ने कांग्रेस में शामिल होने के लिए शिवसेना छोड़ दी थी. वह अब शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के एक प्रमुख नेता हैं. 


इन चिन्हों पर चुनाव लड़ चुकी है शिवसेना 


शिवसेना ने पहले भी नगर निकाय और विधानसभा चुनावों के दौरान 'ज्वलंत मशाल' चिन्ह का इस्तेमाल किया था. शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर ने बताया कि पार्टी के अधिकांश उम्मीदवारों को 1968 में 'तलवार और ढाल' का चुनाव चिह्न मिला था, जब उन्होंने मुंबई सहित पहला निकाय चुनाव लड़ा था. इसके बाद 1985 में कई उम्मीदवारों को प्रतीक के रूप में 'ज्वलंत मशाल' चिन्ह दिया गया था. कीर्तिकर पार्टी की स्थापना के बाद से पार्टी के साथ रहे हैं. 


'धनुष और तीर' मिलने में लगे थे 23 साल 


शिवसेना की स्थापना 1966 में हुई थी और पार्टी को समर्पित 'धनुष और बाण' चिन्ह मिलने में पूरे 23 साल लगे थे. शिवसेना को 1989 में राज्य पार्टी के रूप में मान्यता दी गई थी, जिसका मतलब था कि वह राज्य में एक समान प्रतीक का इस्तेमाल कर सकती थी. लेकिन इससे पहले 1966 से 1989 तक इसने लोकसभा, विधानसभा और निकाय चुनावों में अलग-अलग प्रतीकों पर चुनाव लड़ा. 


दोनों गुटों को मिले नए नाम


लगभग 33 सालों के बाद चुनाव आयोग ने पिछले सप्ताह 'धनुष और तीर' चिन्ह को अंतरिम अवधि के लिए सील कर दिया. यह फैसला शिवसेना के दोनों गुटों के बीच विवाद को देखते हुए लिया गया. इसके साथ ही दोनों पक्षों से 'शिवसेना' नाम का इस्तेमाल नहीं करने को भी कहा गया है. चुनाव आयोग ने ठाकरे गुट के लिए पार्टी के नाम के रूप में 'शिवसेना - उद्धव बालासाहेब ठाकरे' और पार्टी के एकनाथ शिंदे समूह के लिए 'बालासाहेबंची शिवसेना' नाम दिए. 


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