शिवसेना ने की मनमोहन सिंह की तारीफ, 'आर्थिक मंदी' के लिए मोदी सरकार पर बोला हमला
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश के आर्थिक हालात के मोदी सरकार को चेताया था. उन्होंने कहा था कि सरकार प्रतिशोध की राजनीत को त्याग कर मानव निर्मित संकट से अर्थव्यवस्था को निकालने के लिए सुधी जनों की आवाज सुने. इसी के बहाने अब शिवसेना ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया है.
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नई दिल्ली: देश में आर्थिक मंदी के हालात को लेकर शिवसेना ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के जरिए मोदी सरकार पर निशाना साधा है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में 'मौनी बाबा का धमाका!' शीर्षक के साथ संपादकीय लिखकर वर्तमान अर्थव्यवस्था पर मनमोहन सिंह के बयान के बहाने मोदी सराकर का खराब होते आर्थिक हालातों की ओर ध्यान दिलाया है. इसके साथ ही शिवसेना ने मनमोहन सिंह के आर्थिक योगदान की तारीफ की है. शिवसेना ने सामना में लिखा कि मोदी ने पाकिस्तान को सबक सिखाने का निर्णय लिया है. मोदी ऐसा करके दिखाएंगे, इस बारे में हमारे मन में शंका नहीं है लेकिन अर्थव्यवस्था और लोगों की रोजी-रोटी की समस्या भी उतनी ही महत्वपूर्ण है.
सामना में लिखा है, ''मनमोहन सिंह ने मंदी के संदर्भ में टिप्पणी की है तथा भविष्य में मुश्किलों भरे दौर का एहसास दिला दिया है, इससे चिंता और बढ़ गई है. अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है तथा भविष्य में धराशायी हो जाएगी, ऐसा जब मनमोहन सिंह कहते हैं तो इस पर विश्वास करना पड़ता है. 35 वर्षों से देश की अर्थव्यवस्था से उनका संबंध रहा है. बुरे दौर में भी उन्होंने अर्थव्यवस्था के लिए परिश्रम किया था, इसे स्वीकार करना होगा इसलिए आज की अर्थव्यवस्था में कुछ गलतियां दिखती होंगी तो मनमोहन को बोलने का अधिकार है. मनमोहन ने अब बेवजह मुंह नहीं खोला बल्कि प्रहार किया है.''
सामना में शिवसेना ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी निशाने पर लिया है. सामना में लिखा है, '' देश की पहली महिला रक्षा मंत्री सीतारमण की पहले सराहना हुई. देश की पहली महिला वित्त मंत्री के रूप में उन पर की गई पुष्पवर्षा के फूल अभी भी सूखे नहीं हैं. परंतु सक्षम महिला होना तथा देश की अर्थनीति को पटरी पर लाने में फर्क होता है. हमारी पहली महिला वित्त मंत्री को कहीं भी आर्थिक मंदी नजर नहीं आती तथा देश में सब कुशल-मंगल है, ऐसा उनका कहना है. आर्थिक ‘मंदी’ पर वह कई बार मौन ही बरतती हैं.''
नोटबंदी और जीएसटी को लेकर भी शिवसेना एक बार फिर मोदी सरकार पर हमलावर है. सामना में लिखा है, ''नोटबंदी नाकाम हुई तथा जीएसटी से व्यापारी और उद्योगपतियों के गले में फंदा कस गया, इससे इस क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई. मनमोहन सिंह के अनुसार आज की आर्थिक मंदी मानव निर्मित है. मनमोहन सिंह के पीछे-पीछे नितीन गडकरी का भी उतना ही चुभनेवाला बयान आया है. सरकार जहां-जहां हाथ लगाती है, वहां-वहां सत्यानाश होने का भाला गडकरी ने घुसेड़ दिया. नोटबंदी व जीएसटी इस सत्यानाशी के उदाहरण हैं.''
कश्मीर के हालात और अर्थव्यवस्था की स्थिति को जोड़ते हुए सामना में लिखा, ''कश्मीर में विद्रोही सड़क पर उतरें तो उन्हें बंदूक के जोर पर पीछे ढकेला जा सकता है लेकिन आर्थिक मंदी पर बंदूक वैसे तानोगे? मंदी के कारण बेरोजगारी बढ़ेगी और लोग ‘भूख-भूख’ करते सड़क पर आएंगे तब उन्हें भी गोली मारोगे क्या? आर्थिक मंदी पर भक्त चाहे कितना भी उल्टा-पुल्टा कहें तब भी सच के मुर्गे ने बांग दे दी है और मौनी बाबा मनमोहन द्वारा सौम्य शब्दों में कहे गए सच से भी धमाका हो ही गया.''
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