मुंबईः ­शिवसेना ने नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के ‘असली अयोध्या भारत में नहीं बल्कि नेपाल में होने’ संबंधी विवादित बयान पर उनकी निंदा करते हुए बुधवार को कहा कि वह यह दावा भी कर सकते हैं कि मुगल शासक बाबर नेपाली था. शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा कि भगवान राम पूरी दुनिया के हैं, लेकिन अयोध्या जहां कि उनका जन्म हुआ था, केवल भारत की है.


नेपाल के दलों ने भी की आलोचना


ओली को चीन के हाथों की कठपुतली बताते हुए शिवसेना ने कहा कि चीनी ड्रैगन से नजदीकी के कारण वह भारत और नेपाल के बीच धार्मिक तथा सांस्कृतिक संबंधों को भी भूल गये हैं. ओली ने सोमवार को दावा किया था कि ‘‘असली अयोध्या नेपाल में है, ना कि भारत में और भगवान राम का जन्म दक्षिण नेपाल के थोरी में हुआ था.’’


नेपाल के अनेक राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं ने ओली को आड़े हाथ लेते हुए उनसे अपने विवादास्पद बयान को वापस लेने को कहा.


पुराणों में अयोध्या का उल्लेख


महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने ओली के बयानों का जिक्र करते हुए बुधवार को कहा कि पुराणों में उल्लेख है कि सरयू नदी उत्तर प्रदेश के अयोध्या में है ना कि नेपाल में. पार्टी ने कहा कि यही सरयू नदी उन ‘कारसेवकों’ के खून से लाल हो गई थी जिन्होंने राम मंदिर के लिए बलिदान दे दिया, लेकिन चीनियों के गुलाम बन चुके ओली को अब इससे कोई लेनादेना नहीं है.’’


चीन के इशारे पर काम करने का आरोप


सामना के मुताबिक, ‘‘आज उन्होंने दावा किया कि अयोध्या और भगवान राम नेपाल के हैं. कल वह दावा करेंगे बाबर भी नेपाली था. भगवान राम पूरी दुनिया के हैं, लेकिन राम जन्मभूमि अयोध्या केवल भारत की है.’’


शिवसेना ने आरोप लगाया कि ओली चीन के इशारों पर भारत विरोधी रुख अपना रहे हैं और अपने हिमालयी राष्ट्र को तथा उसकी हिंदू संस्कृति को चीन के समक्ष समर्पित कर रहे हैं. संपादकीय में लिखा गया है, ‘‘अगर भगवान राम आज नेपाल में होते तो जिस तरह उन्होंने रावण को मारकर पापों का अंत किया था, वैसे ही वह हिंदू द्रोही ओली के मामले में करते.’’ शिवसेना ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थान की लड़ाई कम से कम 70-75 साल से चल रही है, तो ओली ने उन्हें नेपाल का बताने में इतना समय क्यों ले लिया.


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