नई दिल्ली: बिहार चुनाव के नतीजे आने में 24 घंटे से भी कम समय बचा है. जिन नेताओं की किस्मत जनता ने ईवीएम में कैद कर दी है, उनके दिल की धड़कनें बढ़ी हुई हैं. चुनाव खत्म होने के बाद भी राजनीतिक दलों का एक दूसरे पर वार पलटवार जारी है. ताजा हमला महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी शिवसेना की तरफ से जेडीयू और बीजेपी पर किया गया है.


शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया है कि अमेरिका की तरह बिहार में भी सत्ता पलटेगी. सामना में मोदी-नीतीश पर तंज कसते हुए कहा गया है कि दोनों की जोड़ी ने बिहार में जंगलराज का डर दिखाया और झूठ के गुब्बारे छोड़े. लेकिन तेजस्वी के सामने दोनों टिक नहीं पाएंगे.


क्या लिखा है सामना में?
शिसेना के मुखपत्र सामना में लिखा-  अमेरिका में सत्ता बदल ही चुकी है. बिहार में सत्तांतर आखिरी पायदान पर है. अमेरिका में प्रे. ट्रंप महाशय ने भले ही कितना भी तांडव मचाया हो, फिर भी डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडन धमाकेदार वोटों की बढ़ोत्तरी के साथ राष्ट्राध्यक्ष पद का चुनाव जीत गए हैं. उसी समय हिंदुस्थान के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की स्पष्ट रूप से हार होती दिख रही है. हमारे सिवाय देश और राज्य में कोई विकल्प नहीं है, इस भ्रम से नेताओं को निकालने का काम लोगों को ही करना पड़ता है.


प्रे. ट्रंप राष्ट्राध्यक्ष पद के लायक कभी नहीं थे. अमेरिका की जनता उनकी वानरचेष्टा और लफ्फाजी के फरेब में आ गई लेकिन उसी ट्रंप के बारे में की गई गलती को अमेरिकी जनता ने सिर्फ ४ सालों में सुधार दिया. इसके लिए वहां की जनता का जितना अभिनंदन किया जाए, उतना कम है. ट्रंप ने सत्ता में आने के लिए लफ्फाजियों की बरसात कर डाली. वे एक भी आश्वासन और वचन पूरा नहीं कर पाए.


प्रधानमंत्री मोदी सहित नीतीश कुमार आदि नेता युवा तेजस्वी यादव के सामने नहीं टिक पाए. झूठ के गुब्बारे हवा में छोड़े गए, वो हवा में ही गायब हो गए. लोगों ने बिहार के चुनाव को अपने हाथों में ले लिया. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और नीतीश कुमार के आगे घुटने नहीं टेके. तेजस्वी की सभाओं में जनसागर उमड़ रहा था और प्रधानमंत्री मोदी तथा नीतीश कुमार जैसे नेता निर्जीव मटको के समक्ष गला फाड़ रहे थे, ऐसी तस्वीर देश ने देखी है. बिहार में फिर से जंगलराज आएगा, ऐसा डर दिखाया गया. लेकिन लोगों ने मानो स्पष्ट कह दिया, ‘पहले तुम जाओ, जंगलराज आया भी तो हम निपट लेंगे!’