Bunglow Alloted to MPs:  लोकसभा आवास समिति ने 18वीं लोकसभा के सांसदों को आवास आवंटित करने का काम पूरा कर लिया है. सूत्रों की मानें तो पहली बार चुनकर आए करीब 282 सांसदों को साउथ एवेन्यू, नॉर्थ एवेन्यू, मीना बाग और अन्य इलाकों में टाइप 5 बंगले आवंटित किए गए हैं, जबकि करीब 15 ऐसे सांसद हैं जो पहले जीत कर आए हैं, लेकिन विशेष परिस्थितियों में उन्हें टाइप 5 की जगह एक श्रेणी ऊपर टाइप 6 बंगले दिए गए हैं. 


जिन सांसदों को टाइप 6 वाले बंगले अलॉट हुए हैं उनमें अभिनेत्री कंगना रनौत, बांसुरी स्वराज समेत कमलजीत सहरावत व अन्य शामिल हैं, जबकि NCP सांसद सुनेत्रा पवार को टाइप 7 बंगला एलॉट किया गया है, इसको लेकर चर्चा तेज है. शिवसेना (यूबीटी) ग्रुप के सांसद अरविंद सावंत ने आरोप लगाया कि नियमों की अनदेखी की जा रही है. 


158 सांसदों को आवंटित किए गए आवास 


सूत्रों ने बताया कि 17वीं लोकसभा में पहली बार चुनकर आए करीब 158 सांसदों को आवास आवंटित किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक लोकसभा आवास समिति ने दूसरी और तीसरी बार चुनकर आए सांसदों को टाइप 6 बंगले आवंटित किए हैं, जबकि चौथी, पांचवी और छठी बार चुनकर आए सांसदों को लुटियंस दिल्ली में टाइप 7 बंगले आवंटित किए गए हैं. करीब चार सांसद ऐसे हैं, जो आठ बार चुनकर आए हैं और उन्हें टाइप 8 श्रेणी के बंगले आवंटित किए गए हैं. करीब 9 पूर्व मुख्यमंत्री जो अब सांसद हैं, उन्हें भी टाइप 8 बंगले आवंटित किए गए हैं.  


15 सांसदों को अलॉट किए एक श्रेणी ऊपर के बंगले


सूत्रों ने ये भी बताया कि पहली बार चुनकर आए करीब 15 सांसदों को टाइप 5 श्रेणी के घर दिए जाने थे, लेकिन अब टाइप 6 श्रेणी के बंगले दिए गए हैं. इसमें महिला सांसद, मशहूर हस्तियां और दिल्ली-एनसीआर के सांसद शामिल हैं. इसके लिए आवास समिति की ओर से नियमों में बदलाव किया गया और आवास समिति को अपने विवेक से निर्णय लेने का अधिकार दिया, जिसके आधार पर करीब 15 सांसदों को एक श्रेणी ऊपर बंगले अलॉट किए गए. 


पहली बार चुनकर आए ये सांसद


सूत्रों के अनुसार, आवास समिति ने यह फैसला लेने से पहले सुरक्षा के पहलू को भी ध्यान में रखा है. सूत्रों ने बताया कि पहली बार चुनकर आए सांसदों जैसे प्रियंका गांधी, कंगना रनौत, बांसुरी स्वराज, कमलजीत सेहरावत, अरुण गोविल, यूसुफ पठान और अन्य सांसदों को टाइप-6 श्रेणी के बंगले आवंटित किए गए हैं, जबकि एनसीपी सांसद सुनेत्रा पवार को टाइप-6 बंगला मिलना चाहिए था, लेकिन उन्हें टाइप 7 बंगला आवंटित किया गया है. यह आवंटन न तो लोकसभा पूल से किया गया और न ही राज्यसभा पूल से किया गया है बल्कि उन्हें सेंट्रल पूल से बंगला आवंटित गया है. इस श्रेणी के तहत सरकार किसी को भी कोई बंगला आवंटित कर सकती है. यह सरकार के विवेकाधीन अधिकार पर निर्भर करता है. दूसरी तरफ शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि सरकार किसी भी नियम को नहीं मान रही.


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