Priyanka Chaturvedi On Allahabad HC: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि एवं शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में गुरुवार (1 अगस्त) को कहा कि यह वाद सुनवाई योग्य है. अब इस मामले पर सियासत तेज हो गई है. इस बीच शिव सेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि हाई कोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि से संबंधित मामले को स्वीकार कर लिया है, अब एक पूरी तरह से कानूनी मामला शुरू किया जाएगा और दोनों पक्षों को सुना जाएगा.


न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मैं याद दिलाना चाहूंगी कि राम जन्मभूमि आंदोलन 500 साल तक चला, सुप्रीम कोर्ट में एक लड़ाई लड़ी गई लेकिन इसका श्रेय लिया गया और मामले का राजनीतिकरण किया गया. यहां तक ​​कि भगवान राम ने उन्हें हराकर उन्हें एक संदेश दिया.


कृष्ण जन्मभूमि एवं शाही ईदगाह विवाद मामला सुनवाई योग्य- HC


इलाहाबाद हाई कोर्ट ने श्री कृष्ण जन्मभूमि एवं शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में गुरुवार को कहा कि यह वाद सुनवाई योग्य है. कोर्ट ने इस वाद में मुद्दे तय करने के लिए 12 अगस्त की तारीख तय की है. वाद की पोषणीयता को लेकर मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मयंक कुमार जैन ने मुकदमे की पोषणीयता के संबंध में मुस्लिम पक्ष की दलीलें खारिज कर दीं.






मुस्लिम पक्ष की दलीलों को HC ने किया खरिज- वकील विष्णु शंकर जैन


वहीं, हाई कोर्ट के फैसले के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि इन वादों की पोषणीयता को चुनौती देते हुए मुस्लिम पक्ष की ओर से जो भी दलीलें दी गई थीं, वे कोर्ट ने खारिज कर दी है. उन्होंने कहा कि इस निर्णय के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट सभी 18 मामलों पर सुनवाई जारी रखेगा. हिंदू पक्ष के वकील ने कहा, “अब हम हाई कोर्ट जाकर माननीय कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट के सर्वेक्षण के आदेश पर लगी रोक हटाने की मांग करेंगे. हम आज के निर्णय के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट भी दाखिल करेंगे.


मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद HC में दर्ज की थी आपत्ति


वाद की पोषणीयता को लेकर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति की थी कि यह वाद समय सीमा से बाधित है. क्योंकि उनके पक्ष ने 12 अक्टूबर, 1968 को एक समझौता किया था और इस समझौते की पुष्टि 1974 में दिए गए एक दीवानी मुकदमे के निर्णय में की गई है. मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि एक समझौते को चुनौती देने की समय सीमा 3 साल है, लेकिन यह वाद 2020 में दायर किया गया था, इसलिए मौजूदा वाद समय सीमा बाधित है.


इलाहाबाद HC ने 6 जून को फैसला रखा था सुरक्षित


मुकदमों की पोषणीयता के संबंध में मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस जैन ने 6 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था. ये मुकदमे शाही ईदगाह मस्जिद के ढांचे को हटाकर कब्जा दिलाने और मंदिर का पुनर्निर्माण कराने की मांग के साथ दायर किए गए हैं.


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