विनेश फोगाट को न्याय से किया गया वंचित, प्रियंका चतुर्वेदी ने क्यों साधा IOA पर निशाना?
Priyanka Chaturvedi on IOA: प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा कि आईओए को यह बयान जारी करने के लिए शर्म आती है, जबकि यह अच्छी तरह से पता है कि फोगट के रजत के मामले पर विचार-विमर्श किया जा रहा है.
Priyanka Chaturvedi Attack IOA: शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्र की बीजेपी सरकार और भारतीय ओलंपिक संघ पर जोरदार हमला किया है. विनेश फोगाट मामले में उन्होंने आईओए पर जमकर निशाना साधा.
प्रियंका चतुर्वेदी ने सोशल मीडिाय प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, वाह.. तो आईओए ने भारतीय एथलीटों के हितों के मामले में किसी भी जिम्मेदारी से पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया है.
विनेश फोगट को वास्तव में न्याय से वंचित किया गया है और बस के नीचे फेंक दिया गया है, आईओए को यह बयान जारी करने के लिए शर्म आती है, जबकि यह अच्छी तरह से पता है कि फोगट के रजत के मामले पर विचार-विमर्श किया जा रहा है.
Wow. So IOA totally washes its hands off any responsibility vis a vis Indian athletes interest.
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) August 12, 2024
Vinesh Phogat has truly been denied justice and thrown under the bus, shame on IOA for releasing this statement while very well knowing Phogat’s case for silver is being deliberated pic.twitter.com/yO9SS8ta3Z
पीटी उषा ने कहा- वजन मैनेज करना एथलीट की जिम्मेदारी
दरअसल, प्रियंका चतुर्वेदी ने यह प्रतिक्रिया इंडियन ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा के उस बयान के बाद दी है, जिसमें उन्होंने सारा जिम्मा विनेश पर डाल दिया था. आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने रविवार (11 अगस्त 2024) को कहा कि अपने वजन को मैनेज करना एथलीट की जिम्मेदारी है. इसके लिए मेडिकल टीम, विशेषकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनशॉ पारदीवाला पर हमला करना अस्वीकार्य और निंदनीय है.
पीटी उषा ने आगे कहा कि कुश्ती, भारोत्तोलन, मुक्केबाजी और जूडो जैसे खेलों में एथलीटों के वजन प्रबंधन की जिम्मेदारी प्रत्येक एथलीट और उसके कोच की है, न कि आईओए की ओर से नियुक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनशॉ पारदीवाला और उनकी टीम की. इसलिए आशा है कि आईओए मेडिकल टीम का मूल्यांकन करने की जल्दबाजी करने वाले लोग किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी तथ्यों पर विचार करेंगे.
विनेश के संन्यास के बाद लोगों ने डॉ. पारदीवाला का किया था घेराव
बता दें कि 29 वर्षीय विनेश फोगाट कुश्ती के 50 किलो वेट कैटिगरी के फाइनल में पहुंची थीं और उनका गोल्ड जीतना लगभग तय माना जा रहा था. फाइनल से कुछ घंटे पहले उनका वजन 50 किलो से 100 ग्राम अधिक था, जिस वजह से उन्हें डिसक्वॉलिफाइ कर दिया गया और वह पूरी तरह से प्रतियोगिता से बाहर कर दी गईं. ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना टूटने के बाद विनेश ने संन्यास की घोषणा कर दी थी. इसके बाद से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. इसे लेकर संसद में भी काफी हंगामा हुआ. कई लोगों ने विनेश के सपने के टूटने के लिए पूर्व आईओए प्रमुख नरेंद्र बत्रा के साथ डॉक्टर पारदीवाला और उनकी टीम को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर जुबानी हमला किया,
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