नेतृत्व पर बंटा इंडिया गठबंधन! सपा के बाद ममता बनर्जी के नाम पर उद्धव ठाकरे और सुप्रिया सुले ने भी लगाई मुहर
INDIA Alliance: ममता बनर्जी के इंडिया अलाइंस को नेतृत्व करने के बयान का शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी का सपोर्ट मिला. संजय राउत ने कहा कि वे जल्द ही कोलकाता जाकर टीएमसी चीफ से मिलेंगे.
Mamta Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने जब से इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने की पेशकश की है, तब से देश में राजनीति जोरों पर है. इंडिया गठबंधन में इस समय आंतरिक मतभेद और समन्वय की कमी साफ तौर पर देखी जा सकती है.
ममता बनर्जी ने शुक्रवार (06 दिसंबर, 2024) को इंडिया गठबंधन के काम करने के तरीके पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि वह इंडिया गठबंधन बनाई हैं और वह इसके काम का संभालने के लिए तैयार हैं. टीएमसी चीफ के बयान पर जहां एक तरफ कांग्रेस ने निशाना साधा तो वहीं विपक्षी गठबंधन के दूसरे साथी का सहयोग मिला. ऐसे में अब इंडिया गठबंधन के अस्तित्व पर सवाल खड़ा होने लगा है.
ममता बनर्जी से मिलने जाएंगे संजय राउत
शिवसेना (यूबीटी) ने ममता बनर्जी के दावे का समर्थन किया. शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने शनिवार (7 दिसंबर 2024) को कहा, "हम ममता बनर्जी की यह राय जानते हैं. हम भी चाहते हैं कि वह इंडिया गठबंधन की एक प्रमुख भागीदार बनें." उन्होंने कहा कि वे जल्द ही कोलकाता में ममता बनर्जी से बात करने कोलकाता जाएंगे.
शिवसेना यूबीटी सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी ममता बनर्जी का साथ दिया. उन्होंने कहा, इंडिया गठबंधन की अगली बैठक में इस प्रस्ताव को उठाया जाएगा. ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में एक सफल मॉडल पेश किया है, जहां उन्होंने बीजेपी को सत्ता से दूर रखा है. उन्होंने अच्छी कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं.
ममता को मिला सुप्रिया सुले का साथ
एनसीपी (शरद पवार गुट) नेता सुप्रिया सुले ने ममता बनर्जी के बयान पर कहा कि इंडिया गठबंधन में उनका स्वागत किया जाएगा. उन्होंने कहा, "लोकतंत्र को बचाने के लिए एक सक्षम विपक्षी दल होना चाहिए. अगर दीदी आगे आती हैं तो उनका स्वागत है."
कांग्रेस ने ममता बनर्जी पर उठाए सवाल
कांग्रेस टीएमसी को क्षेत्रीय पार्टी के रूप में देख रही है और उनकी भूमिका पर सवाल खड़े कर रही है. कांग्रेस नेता उदित राज ने सवाल उठाते हुए कहा, जब पश्चिम बंगाल में टीएमसी जीती, तो उन्होंने पूरे देश में अपना प्रचार प्रसार किया, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाइं. यह सच्चाई है कि जो बंगाल से अगे अपनी पार्टी का विस्तार नहीं कर सकीं, वो राष्ट्रीय स्तर पर कैसे लड़ सकती हैं. वह कैसे इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कर सकती हैं?"
पिछले हफ्ते कल्याण बनर्जी और कीर्ति आजाद जैसे टीएमसी सांसदों ने कांग्रेस और अन्य इंडिया गठबंधन के सहयोगियों से अपने अहंकार को अलग रखने और ममता बनर्जी को विपक्षी गठबंधन के नेता के रूप में मान्यता देने का आग्रह किया था.
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