Shivsena Attack on Eknath Shinde: उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से बग़ावत करने के बाद एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने बीजेपी (BJP) से गठबंधन कर शिंदे सरकार तो बना ली लेकिन सरकार बनने के 23 दिन बीत जाने के बाद भी मंत्रिमंडल का गठन नहीं हुआ है. इस बाबत उद्धव ठाकरे गुट को निशाना साधने का मौक़ा मिल गया है. एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फड़नवीस (Devendra Fadnavis) की सरकार में कैबिनेट में फ़ैसले इन्हीं दो नेताओ के कंधे पर है. शिंदे सरकार को सत्ता में आए 23 दिन हो गए पर अभी भी महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) का मंत्रिमंडल गठन नहीं हो पाया है. इसपर विपक्ष को निशाना साधने का मौक़ा मिल गया है.
न केवल विपक्ष बल्कि, उद्धव शिवसेना गुट भी शिंदे और फड़नवीस की जोड़ी पर कटाक्ष कर रहा है. शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेताओं का कहना है कि राज्य के कई ज़िलों में बाढ़ के हालात हैं. नदी और झील उफ़ान पर हैं और लोगों को अपना घर बार छोड़ना पड़ रहा है बावजूद इसके शिंदे और फड़नवीस की जोड़ी दिल्ली के चक्कर लगा रही है.
23 दिनों में शिंदे सरकार के फैसले
इन 23 दिनों के कार्यकाल में शिंदे सरकार ने कई बड़े फ़ैसले लिए हैं. इन फ़ैसलो में मुंबई मेट्रो परियोजना को गति, बुलेट ट्रेन से जुड़े ज़रूरी इजाज़त देकर काम में तेज़ी, आरे जंगल मेट्रो कार शेड, MMRDA के परियोजना के लिए 12 हज़ार करोड़ लोन, निकाय चुनाव में OBC आरक्षण, औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने, त्योहारों पर लगे करोना प्रतिबंध हटाने और पेट्रोल-डीज़ल पर VAT कम कर क़ीमतों में कमी की घोषणा शिंदे सरकार ने किया है.
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर विपक्ष का हमला
उद्धव ठाकरे गुट, कांग्रेस, एनसीपी कह रही है कि शिवसेना विधायकों ने लालच में बग़ावत की है. इसलिए, मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने पर सरकार गिर सकती है. गौरतलब है कि शरद पवार पहले ही भविष्यवाणी कर चुके हैं कि यह सरकार ज़्यादा दिनों की मेहमान नहीं है और कार्यकर्ताओं को क्षेत्र में जाकर चुनाव तैयारी में जुटना चाहिए. एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर भी गोल मोल जवाब देते नज़र आए. दीपक केसरकर का कहना है कि 50 विधायकों में बग़ावत किसी लालच नहीं बल्कि विचारधारा के लिए आए. जिस दिन एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने, हम सभी मुख्यमंत्री बन गए. शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट का कहना है कि, महाराष्ट्र कभी दिल्ली के सामने झुका नहीं लेकिन एकनाथ शिंदे आए दिन दिल्ली पहुंच जाते हैं. मंत्रिमंडल भी दिल्ली जाकर तय होगा. दीपक केसरकर ने जवाब देते हुए कहा क़ि, एकनाथ शिंदे बतौर मुख्यमंत्री देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मिले जो उनका काम है. इसके पहले आदित्य ठाकरे और संजय राउत क्या सोनिया गांधी के घर दिल्ली में नहीं गए.
‘महाराष्ट्र सरकार ठप, काम नहीं हो रहा’
महाराष्ट्र (Maharashtra) प्रदेश कांग्रेस (Congress) कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole) ने कहा कि महाराष्ट्र में नई सरकार बनकर अब तक 25 दिन हो चुके हैं और अब तक मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हुआ है. कोर्ट में मामला चलने के बावजूद सरकार बनाई गई. बीजेपी (BJP) के पास 105 विधायक थे फिर भी वह सीएम नहीं बने. दल बदल कानून को तोड़ा जा रहा है. लोकतंत्र को खरीदा नहीं जा सकता है. व्यस्था को खत्म करने की कोशिश की जा रही है. महाराष्ट्र में बाढ़ (Flood) की परिस्थिति हो रही है. कई लोगों की इस बारिश के मौसम में जाने गई हैं लेकिन अब तक महाराष्ट्र सरकार ठप है, काम नहीं हो रहा है. आपसी मतभेद तो नई सरकार में है क्योंकि, राष्ट्रपति चुनाव (President Election) के दौरान 186 वोट मिलने चाहिए थे लेकिन 181 वोट ही केवल हुए. इसे यह निश्चित होता है कि सरकार में आपसी मतभेद है. यह सरकार असंवैधानिक है, इसका कोई तथ्य नहीं. महाराष्ट्र का बुरा हाल है फिलहाल, कई कार्य रुके हुए है. किसानों का नुकसान हो रहा है और सरकार यहां मंत्रिमंडल विस्तार का कार्य पूर्ण नहीं कर रही है.
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