उद्धव बोले- मराठी लोगों के अधिकारों के लिए शिवसेना का हुआ था जन्म, इनके लिए संघर्ष जारी रहेगा
शिवसेना के दिवंगत सुप्रीमो बाल ठाकरे की शुरू की गई साप्ताहिक पत्रिका मार्मिक के 60 साल पूरा होने पर ठाकरे ने कहा कि पत्रिका ने मुंबई में मराठी भाषी लोगों के साथ हुए अन्याय को उजागर किया.
मुंबईः महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को कहा कि अन्याय के खिलाफ लड़ाई शिवसेना की ताकत है और पार्टी मराठी भाषी लोगों के मुद्दों को उठाना जारी रखेगी. शिवसेना के दिवंगत सुप्रीमो बाल ठाकरे की शुरू की गई साप्ताहिक पत्रिका मार्मिक के 60 साल पूरा होने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रिका ने मुंबई में मराठी भाषी लोगों के साथ हुए अन्याय को उजागर किया.
ठाकरे ने कहा, पत्रिका ने मुंबई में मराठी भाषी लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने की खातिर शिवसेना का जन्म हुआ. उन्होंने कहा कि पत्रिका का जल्द ही डिजिटल संस्करण में उपलब्ध होगी.
उद्धव के अनुसार, उनके पिता एक कलाकार थे और ब्रश उनका हथियार था. "उन्होंने अपने कार्टूनों के जरिए मराठी भाषी लोगों के विभिन्न मुद्दों को रेखांकित किया और प्रवासियों का विरोध कर स्थानीय लोगों के प्रति अन्याय को उजागर किया.’ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार ने स्थानीय लोगों को आरक्षण देने के लिए एक कानून बनाया है और मराठी को पाठ्यक्रम में अनिवार्य भी कर दिया है.
कर्नाटक के मराठी भाषी क्षेत्र शामिल नहीं हो तक महाराष्ट्र अधूरा
ठाकरे ने कहा, मर्मिक शिवसेना की संस्थापक हैं और आज मुख्यमंत्री पार्टी के हैं. संयुक्त (अविभाजित) महाराष्ट्र तब तक अधूरा है जब तक कि कर्नाटक के मराठी भाषी क्षेत्रों का राज्य में विलय नहीं हो जाता. उन्होंने कहा कि बाल ठाकरे और आर के लक्ष्मण के बाद राजनीतिक घटनाक्रम पर सूक्ष्म कार्टून बनाने वालों कार्टूनिस्टों की कमी हो गयी. ठाकरे ने कहा, जो संपादकीय नहीं बता सकते थे, उसे उनके कार्टूनों ने दर्शाया.
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