मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है. शिवसेना ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए से अलग होने का फैसला किया है. आज शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई, जिसमें ये बड़ा फैसला लिया गया. बैठक में शिवसेना सांसद संजय राउत ने एलान किया है कि पार्टी 2019 में होने वाले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी. बता दें कि राज्य में साल 2019 में ही विधानसभा और लोकसभा चुनाव होने हैं.

वर्तमान में विधानसभा की स्थिति

बता दें कि राज्य में अभी बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन है और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री है. राज्य में विधानसभा की 288 सीटें हैं. वर्तमान में बीजेपी के पास 122 सीटें हैं. वहीं शिवसेना के पास 63, कांग्रेस के पास 42 और एनसीपी के पास 41 सीटें हैं. राज्य में सरकार बनाने के लिए 145 सीटों का आंकड़ा होना जरुरी है.


बैठक को संबोधित करते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि पार्टी 2019 में होने वाले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी.

साल 2014 में भी टूटा था बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन

बता दें कि साल 2014 के विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे पर विवाद के बाद शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन टूट गया  था. जिसके बाद दोनों पार्टियों ने अलग- अलग  चुनाव लड़ा था. हालांकि इस चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. बाद में शिवसेना ने बीजेपी से गठबंधन कर सरकार बनाई थी.

कई मामलों में बीजेपी का विरोध करती आई है शिवसेना

गठबंधन में होने के बावजूद शिवसेना कई मोर्चों पर केंद्र सरकार और राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का विरोध करती रही है. महाराष्ट्र में किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा हो या केंद्र के नोटबंदी और जीएसटी जैसे बड़े फैसले, शिवसेना इन सभी मुद्दों पर हमलावर रही है. इतना ही नहीं गुजरात चुनाव के बाद राज्य में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए शिवसेना ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ की थी.


नेता पद के लिए चुने गए आदित्य ठाकरे

वहीं, आज राष्ट्रीय कार्रकारिणी की बैठक में उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे नेता पद के लिए चुने गए हैं. बता दें कि शिवसेना में नेता पद अहम माना जाता है. अभी तक मनोहर जोशी, सुधीर जोशी, रामदास कदम लिलाधर ढाके जैसे पुराने लोगों के पास नेता पद है. लेकिन अब उसमें आदित्य ठाकरे का भी नाम शामिल हो गया है.



बता दें कि शिवसेना अपना पार्टी अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों का आंतरिक चुनाव पार्टी संस्थापक बाल ठाकरे के जन्म दिवस पर करती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ट्वीट कर बाल ठाकरे को याद किया है.




दरअसल, आदित्य को उद्धव के राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाता रहा है. अब उन्हें और अधिक जिम्मेदारी दी गई है और वह संगठन में और बड़ी भूमिका निभाएंगे. उद्धव ठाकरे पांच साल पहले शिवसेना प्रमुख बने थे.