नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सियासी बुनावट उलझी हुई है. सत्ता के शिखर तक पहुंचने और सुचारू रूप से चलाने के लिए तमाम उलझन को सुलझाने के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाने और उसमें तीनों पार्टियों शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के वचन पत्र के प्रमुख बिंदुओं को शामिल करने को लेकर एक टीम लगातार काम कर रही है.


कॉमन मिनिमम प्रोग्राम फाइनल होने के बाद सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू होगी. इसमें तकरीबन 2 दिन का वक्त लगेगा. इसमें शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस तीनों के दो प्रमुख मुद्दे उभर कर सामने आए हैं. इसमे किसानों की कर्ज माफी और विकास के प्रोजेक्ट प्रमुख हैं. इसके अलावा सरकार चलाने के लिए साझा समझौते में कुछ बिंदु शामिल किए जाएंगे और उसके बाद शिवसेना की अगुवाई में सरकार बनेगी.


एनसीपी-कांग्रेस के बीच 50-50 का फॉर्मूला
महाराष्ट्र में नई सरकार को लेकर सस्पेंस और गहराया गया है. सूत्रों के मुताबिक अब शिवसेना और एनसीपी-कांग्रेस के बीच 50-50 का फॉर्मूला आ गया है. सूत्र बता रहे हैं कि एनसीपी और कांग्रेस नहीं चाहते कि पांच साल तक शिवसेना का ही मुख्यमंत्री रहे. एनसीपी ने इस मुद्दे को लेकर शिवसेना से बात की है. एनसीपी और कांग्रेस का कहना है कि ढाई ढाई साल के मुख्यमंत्री शिवसेना और एनसीपी-कांग्रेस में बंटे.


जानकारी के मुताबिक पहले एनसीपी और कांग्रेस बीजेपी को कुर्सी से दूर रखने के लिए शिवसेना को समर्थन देने को तैयार हो गए थे. इसके साथ ही पांच साल के लिए शिवसेना की सीएम भी तय होना था. लेकिन अब एनसीपी खेमे से खबर निकल कर आ रही है कि शिवसेना के पास 56 सीटें और हमारे पास 54 सीटें हैं. ऐसे में महज दो सीट के अंतर से दूसरी बड़ी पार्टी होने के बावजूद पांच साल के लिए सीएम पद शिवसेना को देना ठीक नहीं है. इसीलिए अब एनसीपी की ओर से ढाई ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद के बंटवारे का दांव खेला गया है.


कांग्रेस ने मांगा दो दिन का वक्त, आज नहीं होगी बैठक- सूत्र
इस बीच एक महाराष्ट्र की राजनीति से एक और बड़ी खबर सामने आयी है. सूत्रों के मुताबिक आज कांग्रेस-एनसीपी की बैठक नहीं होगी. शरद पवार ने अहमद पटेल से फ़ोन पर बात की. इस बातचीत के दौरान कांग्रेस से दो दिनों का समय और मांगा. कांग्रेस का कहना है कि हमें इस पर शुरू से विचार करना होगा, इसलिए थोड़ा ज्यादा टाइम चाहिए. वहीं एक और खबर है कि दिल्ली से कांग्रेस नेता मुंबई नहीं जाएंगे.


महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर उठापटक जारी है. विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर चले लंबे विवाद के बाद दोनों पार्टियों के रास्ते अलग हो गए. अब शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने की कवायद में जुट गई हैं. राज्यपाल ने एनसीपी को आज रात 8.30 बजे तक बहुमत के साथ सरकार का दावा पेश करने का मौका दिया है.