शिवमोगा ISIS साजिश मामले में एक और आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दायर, NIA की जांच में हुआ बड़ा खुलासा
Shivamogga ISIS Conpiracy Case: आरोपी अराफत अली पर मंगलुरु में दो स्थानों पर आतंक और आतंकवादी संगठनों के समर्थन में लिखने के लिए प्रेरित करने का आरोप है. उसे पिछले साल गिरफ्तार किया गया था.
Shivamogga ISIS Conpiracy Case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार (8 मार्च) को कर्नाटक के शिवमोगा जिले में आईएसआईएस (ISIS) की आतंकी साजिश के मामले में एक और चार्जशीट दायर किया है. वहीं इस मामले दो और आरोपियों के खिलाफ एडिशनल चार्जशीट दायर की गई है. यह मामला मंगलुरु में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन, इस्लामिक स्टेट (IS), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और तालिबान का समर्थन करने वाले लेखनी से संबंधित है.
एनआईए ने दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की
इस मामले में गुरुवार को एनआईए ने अपनी दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में अराफत अली पर चार्जशीट और मोहम्मद शारिफ और माज अहमद के खिलाफ अतिरिक्त चार्जशीट दायर किए हैं. अफरात अली को एनआईए ने 14 सितंबर 2023 को केन्या से लौटने के बाद नई दिल्ली एटयपोर्ट के टर्मिनल-3 पर गिरफ्तार किया.
उस पर लेखनी के माध्यम से लिखकर अन्य आरोपियों को कट्टपंधी बनने का आरोप है. एनआईए ने अपने चार्जशीट में बताया कि इससे पहले एक अन्य मामले (अल-हिंद मॉड्यूल) में अपनी गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए अफरात अली दो फरार आरोपियों अब्दुल मथीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजेब के साथ दुबई भाग गया था.
एनआईए की जांच में हुआ ये खुलासा
एनआईए की जांच से पता चला है कि अब्दुल मथीन और मुसाविर हुसैन के निर्देश पर ही अराफात अली ने मोहम्मद शारिक, माज मुनीर अहमद और अन्य को मंगलुरु में दो स्थानों पर आतंक और आतंकवादी संगठनों के समर्थन में लिखने के लिए प्रेरित किया था. यह भी पता चला है कि अराफात अली ने पने सहयोगियों और ऑनलाइन हैंडलर के साथ आईएस/आईएसआईएस की आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा था. वह अपने ऑनलाइन हैंडलर से क्रिप्टो करेंसी में भुगतान पता था.
एनआईए ने पहले मोहम्मद शारिक और माज मुनीर अहमद सहित नौ आरोपियों के खिलाफ एक मुख्य और एक पूरक चार्जशीट दायर किया था.
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