MP: कुछ पैसों की जरूरत के लिए अपना राशन कार्ड गिरवी रख रहे हैं मजबूर आदिवासी
घंटी बजाओ: पक्का रोजगार ना होने की वजह से आदिवासी कर्ज नहीं चुका पाने के कारण महंगा अनाज बाजार से खरीदकर घर परिवार पालने को मजूर है.
शिवपुरी: मध्य प्रदेश में गरीब आदिवासी पैसों की मजबूरी के कारण अपना राशन कार्ड गिरवी रख रहे हैं. इससे दुकानदार, साहूकार आदिवासियों का अंगूठा लगवाकर सस्ती दरों पर मिलन वाले अनाज को उठा लेते हैं और उस अनाज को बाजार की कीमत पर बेचकर मुनाफा कमाते हैं. लेकिन वहीं, पक्का रोजगार ना होने की वजह से आदिवासी कर्ज नहीं चुका पाने के कारण महंगा अनाज बाजार से खरीदकर घर परिवार पालता है.
'एक किलो चावल बेचकर बच्चों के लिए खरीदा एक पाव अंगूर'
मध्य प्रदेश में शिवपुरी जिले के मुडखेड़ा गांव में हैरान करती एक तस्वीर सामने आई है. यहां एक गरीब आदिवासी सस्ती दर पर मिला चावल शहर के एक व्यापारी को बेचते दिखे. एक किलो चावल बेचने के बदले बच्चों को लिए उस आदिवासी ने एक पाव अंगूर खरीदा. कई लोग राशन में मिला चावल बेचकर भी पैसा ले रहे हैं.
बच्चे बीमार हो जाते हैं तो राशन कार्ड पर ही पैसा मिलता है- सहरिया आदिवासी
सहरिया आदिवासी का कहना है, ‘’बच्चे बीमार हो जाते हैं तो राशन कार्ड पर ही पैसा मिलता है. राशन कार्ड कोई हजार रुपए में गिरवी रख है. दो हजार रुपए में गिरवी रखा. बच्चे अच्छे हो गए तो पैसा कमाकर राशन कार्ड उठा लेते हैं.’’ सहरिया आदिवासी की ये बात सुनकर ऐसे में सवाल है कि क्या सरकारें और नेता अपना राष्ट्रवाद निभाते हुए राष्ट्र की प्रगति के लिए सभी आदर्शों को बनाए रखने का सिद्धांत पूरा करते हैं?
राज्य की कमलनाथ सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न तोमर से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘’मैंने सुनवाई की है, प्रैक्टिकल जानकारी नहीं है.’’
बता दें कि सहरिया आदिवासियों के लिए 56 हजार 625 अंत्योदय राशन कार्ड जारी हुए हैं. राशन कार्ड से आदिवासियों को एक लाख 80 हजार क्विंटल गेहूं और तीन लाख 19 हजार क्विंटल चावल हर महीने दिया जाता है. लेकिन जब पैसों की जरूरत आदिवासियों को पड़ती है तो राशन कार्ड गिरवी रखना ही आखिरी रास्ता होता है.
ABP न्यूज़ की राय है कि जनता जागरुक होकर देखे कि हर दल के नेता किन मुद्दों पर वोट मांग रहे हैं? नेताओं के भाषण, रैली, रोड शो, प्रेस कॉन्फ्रेंस, नुक्कड़ सभा, ट्वीट तक में जनता के असली मुद्दे हैं या फिर धर्म, जाति, चुनावी राष्ट्रवाद और झूठे दावों की राजनीति करके वोट मांगा जा रहा है. मध्य प्रदेश सरकार तुरंत सहरिया आदिवासियों के राशन कार्ड गिरवी रखने की मजबूरी को दूर करे. सुनिश्चित रोजगार का प्रबंध कमलनाथ सरकार करे, ताकि किसी गरीब को मुश्किल वक्त में पैसों के लिए राशन कार्ड गिरवी ना रखना पड़े.
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