Parliament Debate: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद में कृषि एवं किसान कल्याण पर हो रही चर्चा को रोकने के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि विपक्ष जानबूझकर कृषि और किसान कल्याण पर चर्चा नहीं चाहता है. उनके अनुसार कल कृषि पर होने वाली चर्चा के दौरान विपक्ष ने हंगामा किया, जिससे इस अहम मुद्दे पर चर्चा स्थगित हो गई. चौहान ने विपक्ष को किसान विरोधी बताते हुए ये आरोप लगाया कि वे किसानों के कल्याण के लिए चल रही सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ने नहीं देना चाहते हैं.


शिवराज सिंह चौहान ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि लोकसभा में कृषि और किसान कल्याण पर चर्चा होनी थी, जो लोकतंत्र के प्राण होती है. चर्चा और संवाद से ही कल्याण के कामों को आगे बढ़ाया जा सकता है. चौहान ने ये भी कहा कि मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है और इस पर विपक्ष को भी पॉजिटिव तरीके से चर्चा करनी चाहिए थी, लेकिन विपक्ष ने हंगामा करके चर्चा को बाधित किया.


शिवराज ने PM मोदी के नेतृत्व में किसानों के कल्याण की पुष्टि की


शिवराज ने ये भी स्पष्ट किया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में किसानों का कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. सरकार की कई योजनाएं किसानों के कल्याण के लिए लागू की गई हैं जिनमें मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि और किसान क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाएं शामिल हैं. चौहान ने कहा कि वे लंबे समय से इस चर्चा की प्रतीक्षा कर रहे थे ताकि विपक्ष अपनी बात रख सके और सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों पर अपनी प्रतिक्रिया दे सके.


विपक्ष पर तीखा हमला: हाथी के दांत दिखाने के और, खाने के और


शिवराज ने विपक्ष पर एक कड़ा हमला करते हुए कहा कि उनका रवैया 'हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और' जैसा है. उनका कहना था कि विपक्ष कृषि और किसानों के कल्याण पर चर्चा दिखाने का दावा करता है, लेकिन वास्तविकता में वह इस चर्चा को रोकने में रुचि रखता है. उन्होंने विपक्ष से अपील की कि वह कम से कम आज के दिन चर्चा का मार्ग खोलने दे ताकि सही अर्थों में किसान कल्याण के मुद्दे पर बहस हो सके


उन्होंने कहा कि विपक्ष का ये रवैया किसानों के प्रति नफरत और उनके कल्याण के प्रति अनदेखी को दर्शाता है. उनका मानना था कि यदि विपक्ष सही मायने में किसान कल्याण में रुचि रखता है तो उसे सरकारी योजनाओं पर चर्चा करनी चाहिए थी, लेकिन विपक्ष ने कृषि और किसान कल्याण पर हो रही चर्चा को केवल राजनीतिक फायदे के लिए रोकने की कोशिश की जिससे किसानों को होने वाले फायदों को भी नुकसान हुआ.