भोपाल: मध्य प्रदेश में प्रवासी मजदूर शिवराज सरकार के लिए बड़ी चिंता का कारण हैं. अब तक साठ हजार से ज्यादा मजदूर दूसरे प्रदेश से आ चुके हैं. इसके बाद भी गुजरात हरियाणा उत्तर प्रदेश और गुजरात में हजारों मजदूर फंसे हुए हैं. सरकार इन मजदूरों की लगातार निगरानी कर रही है और केंद्र सरकार से प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए तीस ट्रेन चलाने की मांग की है.


सरकार के खाद्य और आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का दावा है कि हमारी सरकार मजदूरों को वापस लाने उनको गांव तक पहुंचाने और फिर बाद में उनके खाने पीने और रोजगार तक का इंतजाम करेगी. इसके लिये पूरे इंतजाम किए हैं. राज्य सरकार ने इसके लिये दो आईएएस अफसरों की टीम लगाई है जो दूसरे राज्यों की सरकारों के साथ बसों से या फिर ट्रेन की मदद से उनको लाने की कोशिश कर रही है.


इसके बाद भी कुछ मजदूर विभिन्न राज्यों से पैदल या फिर अपने अपने इंतजामों से आ रहे हैं, उनको नहीं रोका जा सकता. उनको समझाया जा रहा है कि कुछ दिन इंतजार करो सरकार उनकी मदद करेगी. बाहर रह रहे मजदूरों के खातों में भी हजार हजार रूपये डाले जा रहे हैं. शिवराज सरकार ने चार करोड़ रुपये इन मजदूरों के खातों में पैसे डाले हैं. इससे उनको फायदा होगा.


इधर मध्य प्रदेश में गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश से मजदूरों का आना जारी है. इनमें से अधिकतर अपने खर्चे पर गाड़ियां कर चार या पांच दिन यात्रा करके पहुंच रहे हैं. सरकारी अधिकारी इन दूर से आने वाले लोगों की मेडिकल जांच कर इनके रुकने और खाने पीने का इंतजाम में जुटी है.


उधर मघ्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि शिवराज सिंह सरकार मजदूरों की वापसी मामले में बुरी तरह फेल साबित हो रही है. हर रोज हजारों मजूदर अपने खर्चे पर दूसरे प्रदेशों से चले आ रहे हैं. इनके लिए सरकार सिर्फ हवाई दावे कर रही है. ये सच्चाई से परे है. भोपाल के आसपास ही सैंकड़ों मजदूर पैदल आते दिख रहे हैं, ऐसे में शिवराज सरकार क्या कर रही है, इसका जबाव दे. भोपाल में बुधवार की रात को भी तेलंगाना से एक हजार मजदूरों को लेकर विशेष ट्रेन आई, जिसमें आए मजदूरों को प्रशासन ने उनके जिलों में वापस भेजा.