भोपाल: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने पूर्व सीएम उमा भारती, बाबूलाल गौर और कैलाश जोशी को गणमान्य नागरिक के तौर पर फिर उनके पुराने बंगले अलॉट कर दिये हैं. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह को यह रियायत नहीं दी गई है. जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश पर पहले आवंटन रद्द किया गया था अब फिर सरकार ने नया रास्ता निकाल लिया है.


हालांकि तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब बंगले का किराया देना होगा. इस खबर के आने के बाद एमपी के पूर्व सीएम और भोपाल की गोविंदपुरा सीट से बीजेपी विधायक बाबूलाल गौर ने बंगला मिलने को सही कहा है. वहीं मध्य प्रदेश से ही कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा है कि शिवराज सरकार ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है.


क्याथा पूरा मामला


बता दें कि जबलपुर हाईकोर्ट ने शिवराज सरकार को पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगले एक महीने में खाली कराने के आदेश दिए थे. हाईकोर्ट ने उस नियम को असंवैधानिक बताया था जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी आवास और सुविधाएं देने का प्रावधान था.


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सरकार ने उठाया था ये कदम


इसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिले सरकारी बंगले का आवंटन रद्द कर दिया था. उमा भारती और दिग्विजय ने पहले ही बंगला छोड़ने की इच्छा जाहिर कर दी थी. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल मई में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी सरकारी बंगले खाली करने का आदेश दिया था.


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