MP: यूरिया खाद की लड़ाई तू-तू मैं-मैं पर आई, शिवराज ने कमलनाथ के लिए कहा- 'तू किस खेत की मूली है'
शिवराज ने एक विरोध प्रदर्शन के दौरान सीएम कमलनाथ के लिए अमर्यादित भाषा का उपयोग करते हुए कहा कि 'तू किस खेत की मूली है'. खेल मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि जबसे शिवराज सत्ता से गए हैं उनका व्यक्तित्व भी बदल गया है.

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में यूरिया खाद को लेकर सियासत गरमाई हुई है. शुक्रवार को सागर में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक विरोध प्रदर्शन के दौरान सीएम कमलनाथ के लिए अमर्यादित भाषा का उपयोग करते हुए कहा कि 'तू किस खेत की मूली है'. इसके बाद सत्ता पक्ष ने भी हमलावर होते हुए शिवराज को मर्यादा में रहने की हिदायत दे डाली.
पूर्व सीएम शिवराज पर निशाना साधते हुए एमपी के खेल मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि जबसे शिवराज सत्ता से गए हैं उनका व्यक्तित्व भी बदल गया है, पहले वो प्रदेश के विकास की बात करते थे लेकिन अब गैर मर्यादित हो गए हैं. कमलनाथ के लिए कहा तू किस खेत की मूली है, हम इंदिरा से नहीं डरे तुम किस खेत की मूली हो. यह भाषा का शिवराज इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा, जब देश में कांग्रेस की सरकार थी तब पद पर रहते हुए शिवराज दिल्ली में आंदोलन करते थे.
जीतू पटवारी ने केंद्र पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि 18 लाख मीट्रिक टन यूरिया खाद की मांग की थी जिसमें से केंद्र सरकार ने प्रदेश को डेढ़ लाख मीट्रिक टन यूरिया कम दिया. वहीं मंत्री पटवारी ने यह भी कहा कि शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र मोदी से भविष्य को लेकर डरते हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी के 28 सांसद हैं उन्हें एमपी के लिए केंद्र सरकार से फंड और अन्य मदद मांगना चाहिए.
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