Shivraj Singh Chouhan Dance: आदिवासियों के साथ नाचे CM शिवराज सिंह चौहान, ढोल भी बजाया, देखें Video
CM Shivraj Singh Chouhan Plays Dhol: सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के मंडला जिले में थे. उन्हें यहां आदिवासी समुदाय के लोगों के साथ ढोल बजाते और डांस करते हुए देखा गया.
CM Shivraj Singh Chouhan Dance: सोचिए कि आप जिस राज्य में रहते हैं, उस राज्य का मुख्यमंत्री आपके पास आए और आपके साथ मिलकर डांस करे, ढोल बजाए तो आपका कैसा लगेगा. जाहिर है कि खुशी होगी. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को ऐसे ही लोगों को बीच ढोल बजाया और डांस किया.
सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के मंडला जिले में थे. उन्हें यहां आदिवासी समुदाय के लोगों के साथ ढोल बजाते और डांस करते हुए देखा गया. इसका वीडियो भी है. वीडियो में शिवराज सिंह चौहान ढोल बजा रहे हैं और डांस कर रहे हैं. उनके साथ कई अन्य लोग भी वीडियो में दिख रहे हैं, देखिए वीडियो.
#WATCH | Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhan plays dhol, dances with the people from a tribal community, in Mandla (22.11) pic.twitter.com/kDuVOUDISg
— ANI (@ANI) November 22, 2021
जनजातीय गौरव सप्ताह के समापन समारोह को संबोधित किया
इसके अलावा चौहान ने मंडला के रामनगर में जनजातीय गौरव सप्ताह के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार नई आबकारी नीति बना रही है, जिसमें जनजातीय वर्ग पारंपरिक रूप से महुआ से शराब बना पाएगा. उन्होंने कहा कि इस हेरिटेज शराब को बेचने का अधिकार भी जनजातियों को दिया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘‘एक नई आबकारी नीति आ रही है. महुअे से अगर कोई भाई-बहन परंपरागत रूप से शराब बनाता है, तो वह अवैध नहीं होगी. हेरिटेज शराब के नाम पर वह शराब की दुकानों पर भी बेची जाएगी. हम उसको भी आदिवासी आमदनी का जरिया बनाएंगे.’’
आदिवासियों को मिलेगा महुआ की शराब बेचने का अधिकार
उन्होंने कहा, ‘‘परंपराओं के निर्वाह के लिये (आदिवासी इसे) बना सकता है. अगर वह परंपरागत रूप से (महुआ की शराब) बनाता है तो बेचने का भी अधिकार उसको होगा और सरकार बाकायदा वैधानिक मान कर यह अधिकार देगी.’’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रतिवर्ष 15 नवम्बर को पूरे देश में जनजातीय गौरव दिवस मनाने तथा एक सप्ताह तक जनजातीय गौरव के विभिन्न कार्यक्रम देश के कोने-कोने में आयोजित किये जाने का निर्णय लिया और भोपाल से इस अभियान की शुरूआत की.
उन्होंने कार्यक्रम स्थल से 600 करोड़ रूपये से अधिक की लागत वाले विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन भी किया. उन्होंने कहा कि जनजातीय वर्ग को सामुदायिक वन प्रबंधन का अधिकार दिया जाएगा, वे जंगल लगाएंगे तथा उसकी लकड़ी एवं फल पर उनका ही अधिकार होगा.
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