ऐसे वक्त पर जब देश में दो कोरोना वैक्सीन को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की तरफ से आपात इस्तेमाल को लेकर मंजूरी दे दी गई है, अगले कुछ दिनों में देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन का काम बड़े स्तर पर शुरू हो जाएगा. इस बीच, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वह कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाएंगे. उन्होंने कहा कि जो लोग प्राथमिकता समूह में सबसे पहले आते हैं उन्हें पहले यह वैक्सीन मिलनी चाहिए.


समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, शिवराज चौहान ने कहा- “मैंने यह फैसला किया है कि मैं अभी वैक्सीन नहीं लगवाऊंगा. पहले इसे दूसरों को लगाया जाना चाहिए. मेरा नंबर उसके बाद आएगा. हमें यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना है कि प्राथमिकता समूह में आए लोगों को पहले वैक्सीन मिले.”





भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता की तरफ से यह टिप्पणी ऐसे वक्त पर आई है जब एक दिन पहले ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के वीजी सोमनी ने एस्ट्रेजेनिका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से तैयार की गई ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक की तरफ से तैयार स्वदेशी वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को मंजूरी दी है.


जैसे ही डीसीजीआई की तरफ से दो वैक्सीन को आपात मंजूरी दी गई, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, शशि थरूर और जयराम रमेश ने भारत बायोटेक की कोविड-19 वैक्सीन के आपात मंजूरी पर सवाल उठाते हुए इसे ‘प्री-मैच्योर’ करार दिया और कहा कि यह खतरनाक साबित हो सकता है.


जबकि, दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे बीजेपी वैक्सीन करार देते हुए कहा था कि वह इसे नहीं लगवाएंगे क्योंकि उन्हें इस वैक्सीन पर भरोसा नहीं है. उन्होंने कहा कि जब उनकी वैक्सीन आएगी तब लोगों को भी वैक्सीन लगवाएंगे.  इधर, स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने इन बयानबाजी को देश के वैज्ञानिकों का अपमान करार दिया.


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