Shivraj Singh Chouhan In Rajya Sabha: राज्यसभा में किसानों के मुद्दे पर बोलते हुए केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान कांग्रेस और यूपीए की सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि यूपीए की सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश स्वीकार करने से इंकार कर दिया. उन्होंने कैबिनेट नोट दिखाते हुए कहा, "स्वामी नाथन कमेटी की रिपोर्ट में ये कहा गया कि लागत पर 50 फीसदी मुनाफा देकर समर्थन मूल्य घोषित करना चाहिए, लेकिन यूपीए सरकार ने इसे खारिज किया."


'किसान के नाम पर राजनीति करती विपक्ष'


समाजवादी पार्टी (सपा) के रामजी लाल सुमन ने राज्य सभा में सवाल पूछा था कि क्या इस चालू सत्र में केंद्र सरकार एमएसपी को कानूनी गारंटी प्रदान करने के लिए कानून लाएगा. इसी की जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने यूपीए सरकार पर खूब बरसे. उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर किसानों के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया.


केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "पीएम मोदी के नेतृत्व में खेती को लाभ का धंधा बनाने में और किसानों की आमदनी दोगुनी करने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. हम दिन-रात काम करेंगे. हमने किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं और आगे भी लेते रहेंगे."


एमएसपी समिति का किया जिक्र


पिछले कार्यकाल के दौरान मोदी सरकार ने एमएसपी व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए किसानों के एक साल लंबे आंदोलन के बाद एमएसपी समिति का गठन किया था. इसे लेकर कृषि मंत्री ने कहा, "इस समिति का गठन एक विशिष्ट उद्देश्यों को लेकर किया गया था. यह किसानों के लिए एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए है."


'UPA ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को किया खरिज'


कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "शरद पवार ने जो तत्कालीन सरकार में मंत्री थे, उन्होंने कहा कि सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर एमएसपी तय करती है. इस वजह से यह पहचानने का आवश्यकता है कि उत्पादन लागत और एमएसपी के बीच कोई आंतरिक संबंध नहीं हो सकता."


कृषि मंत्री ने कहा, "2010 में यूपीए सरकार ने काउंटर-प्रोडक्टिविटी का हवाला देते हुए स्वामीनाथन आयोग की इस प्रमुख सिफारिश को खारिज कर दिया और तर्क दिया कि यह बाजार को विकृत कर देगा."


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